इंदौर में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के एक उपयंत्री को हाईकोर्ट ने यह राहत दी है। कर्मचारी की नियुक्ति की तारीख लिखने में कुछ गफलत हो गई थी जिसके बाद रिटायर होने पर भी उन्हें कोई सुविधाएं नहीं दी गई। इसके खिलाफ वे कोर्ट गए तो सरकार को सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया गया। सरकार ने कर्मचारी को भुगतान तो किया पर बिना ब्याज के ही राशि दी जिसपर उपयंत्री फिर हाईकोर्ट चले गए। अब कोर्ट ने एरियर पर भी ब्याज देने का आदेश दिया है।
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ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री देवेंद्र कुमार शर्मा को रिटायर होने के बाद भी सुविधाओं का लाभ नहीं दिया गया था। वे पूरे 22 महीने तक इनसे वंचित रहे। विभाग के निर्णय के खिलाफ पूर्व उपयंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। देवेंद्र कुमार शर्मा की याचिका पर हाईकोर्ट ने विभाग की गलती मानते हुए उन्हें सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के उपयंत्री देवेंद्र कुमार शर्मा को रिटायर होने के बाद भी सुविधाओं का लाभ नहीं दिया गया था। वे पूरे 22 महीने तक इनसे वंचित रहे। विभाग के निर्णय के खिलाफ पूर्व उपयंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। देवेंद्र कुमार शर्मा की याचिका पर हाईकोर्ट ने विभाग की गलती मानते हुए उन्हें सभी सुविधाएं देने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट के फैसले पर सरकार ने अमल तो किया पर आधा अधूरा। विभाग की ओर से पूर्व उपयंत्री देवेंद्र कुमार शर्मा को वेतनमान का भुगतान, पेंशन, ग्रेच्यूटी, अवकाश नकदीकरण आदि की मूल राशि दे दी गई लेकिन ब्याज का भुगतान नहीं दिया। इसके बाद पूर्व उपयंत्री ने हाईकोर्ट में एरियर राशि पर भी ब्याज देने की याचिका दायर की।
हाईकोर्ट ने पूर्व उपयंत्री की इस याचिका को भी स्वीकार करते हुए उनकी बात को माना और सरकार से ब्याज की राशि देने को भी कहा। कोर्ट ने ब्याज की करीब 4 लाख रुपए की राशि भी देने के आदेश दिए हैं।