आईएएस संजय दुबे पहले गृह विभाग में अपर मुख्य सचिव थे। वर्तमान में वे सामान्य प्रशासन विभाग में अपर मुख्य सचिव हैं। पुलिस अधिकारी विजय पुंज ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट में एक अवमानना याचिका लगाई। याचिका कर्ता का प्रमोशन किया जाना था लेकिन इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश का पालन भी नहीं किया गया।
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अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस द्वारकाधीश बंसल ने सख्त टिप्पणी की। उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा कि कोई प्रशासनिक अधिकारी 6 माह में भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकता तो वह पद से त्यागपत्र दे दें। इसी के साथ कोर्ट ने आदेश के पालन के लिए अंतिम अवसर भी दे दिया।
अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस द्वारकाधीश बंसल ने सख्त टिप्पणी की। उन्होंने गुस्सा जताते हुए कहा कि कोई प्रशासनिक अधिकारी 6 माह में भी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकता तो वह पद से त्यागपत्र दे दें। इसी के साथ कोर्ट ने आदेश के पालन के लिए अंतिम अवसर भी दे दिया।
प्रस्तुत याचिका में बताया गया कि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के प्रमोशन का लिफाफा खोलकर उसे पदोन्नति का लाभ देने का आदेश दिया था। कोर्ट ने मार्च में हाईकोर्ट यह आदेश दिया लेकिन इस पर अभी तक अमल नहीं हुआ। छह माह बीत जाने के बावजूद आदेश पर पालन नहीं किए जाने से हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जताई।
मामले में सरकारी अधिवक्ता ने देरी का कारण बताते हुए कहा कि केबिनेट से समन्वय किए जाने से विलंब हो रहा है। उन्होंने एक माह की मोहलत भी मांगी। इसपर अवमानना याचिका कर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया विजय पुंज इसी माह 31 अक्टूबर को रिटायर हो जाएंगे। यह बात सुनते ही जस्टिस द्वारकाधीश बंसल ने सरकारी वकील की ओर रुख किया। कोर्ट ने सेवानिवृत्ति की कगार पर पहुंच चुके कर्मचारी को पदोन्नति नहीं देने की वजह पूछी।
जस्टिस द्वारकाधीश बंसल ने कहा कि ऐसे अधिकारी को इस्तीफा दे देना चाहिए जो 6 माह बीतने के बावजूद कैबिनेट से समन्वय नहीं बना पाए। उन्होंने अधिकारी को अवमानना कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी देते हुए कहा कि 14 अक्टूबर तक हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें। आदेश अनुचित लगे तो वे अपील करने के लिए स्वतंत्र होंगे। याचिका पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को रखी गई है।