थर्ड स्टेज में था कैंसर
जाानकारी के अनुसार 32 साल की महिला को डिलेवरी के दौरान ओवेरियन कैंसर का पता चला। जांच में पता चला कि कैंसर थर्ड स्टेज में पहुंच गया है और ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प है। तमाम जांच के बाद मरीज की अत्याधुनिक तकनीक से ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।
पारंपरिक कीमोथैरेपी में फिर पनप सकता है कैंसर
ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर राहुल अग्रवाल ने बताया कि पारंपरिक कीमोथैरेपी में सर्जरी के बाद कीमोथैरेपी में नस से दवा ओवरी तक पहुंचाते हैं। लेकिन अक्सर दवा ओवरी के हर भाग तक खासकर अंदरूनी भाग तक नहीं पहुंच पाती। एसे में कैंसर के कुछ कण ओवरी में ही छूटने की आशंका रहती है। एसे में हाइपेक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसमें कीमोथैरेपी की दवा को गर्म कर सीधे ओवरी के अंदरूनी भाग तक पहुंचाया गया। सामान्य भाषा में कहें तो गर्म दवा से ओवरी की दीवारों को साफ किया गया ताकि कैंसर का छोटे से छोटा कण भी खत्म हो जाए।
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जटिल है प्रक्रिया
टीम के एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. यशवंत धवले ने बताया कि हाईपेक प्रकिया काफी जटिल है। पहले मरीज की साइटो रिएक्टिव सर्जरी की गई। इससे मरीज के गर्भाशय, अंडाशय, आंत, गालब्लैडर, लिम्फ नोड को हटाया गया। इसके बाद सीधे कैंसर से प्रभावित जहगों पर कीमोथैरेपी की दवा पहुंचाई गई। इस तकनीक में दवा की सही मात्र और सही तापमान जरूरी है। करीब सात घंटे की सर्जरी के बाद मरीज पूरी तरह ठीक है।