बारिश की वजह से डैम में जलस्तर बढ़ा
बता दें कि एमपी में लगातार हो रही बारिश (heavy Rain continuous in mp) के कारण यहां डैमों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भोपाल के पास कोलार समेत भदभदा और कलियासोत डैम के एक-एक गेट बंद कर दिए गए। हालांकि, पानी की आवक जारी है। उधर नर्मदापुरम के तवा डैम समेत बाणसागर, कुंडालिया, बरगी, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, जोहिला, पारसडोह, चंदौरा, कुंडालिया में भी पानी बढ़ा।एमपी में क्यों हो रही बारिश
मौसम विभाग के अनुसार अलग-अलग स्थान पर बने विभिन्न मौसम मानसून मौसम तंत्र की वजह से प्रदेश में बारिश हो रही है। देखने में ये आ रहा है कि अब जो बारिश हो रही है वह काफी गरज और चमक के साथ हो रही है। अगले दो-तीन दिन तक प्रदेश में भारी से तेज बारिश का अनुमान जताया गया है। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का सिलसिला आगे भी चल सकता है और 10 सितंबर से एक बार फिर भारी से तेज बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है।
पिछले 33 घंटों में 19 जिलों में हुई बारिश, सबसे ज्यादा भीगा मंडला
पिछले 33 घंटों में मध्य प्रदेश के 19 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार 6 सितंबर की शाम 5 बजे तक मंडला में सबसे ज्यादा 34 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं सिवनी में 29 मिमी, सागर में 26 मिमी, सतना में 19 मिमी, खरगोन में 12 मिमी, तो धार जिले में 14 मिमी और बारिश हुई।
सीजन में अब तक 910 मिमी बारिश
मध्य प्रदेश में अब तक के मानसून सीजन की बात करें तो 1 जून से 6 सितंबर तक पूरे मध्य प्रदेश में औसतन 910 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य औसत 832.8 मिमी बारिश से 9 प्रतिशत ज्यादा है। यानी इस बार सीजन खत्म होने से पहले ही एमपी में बारिश का कोटा पूरा हो चुका है।मानसून की मौजूदा स्थिति
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जो 9 सितंबर तक और गहरा होगा। ये डीप डिप्रेशन उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश तट के पास तीव्र हो सकता है। इससे मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों में मानसून की गतिविधियां सक्रिय हो गई हैं. एक टर्फ बीकानेर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ है, जो आने वाले दिनों में और बारिश का कारण बन सकता है।