भोपाल ( bhopal ) । जून में सूखे जैसे हालात के बावजूद मानसून के लगातार सक्रिय रहने से अब प्रदेश के कई हिस्सों में अतिवृष्टि की स्थिति है। इसके लिए पॉजिटिव आईओडी (हिंद महासागर डाईपोल) की ताकत और इससे अलनीनो का प्रभाव कम होना बड़ा कारण है।
वैश्विक एजेंसियों ने अलनीनो का 60प्रतिशत अनुमान जताते हुए असर मानसून पर पडऩे की आशंका जताई थी, लेकिन आईओडी सहित अन्य प्रभावों से यह घटकर 25प्रतिशत रह गया। अब यह शून्य होकर एलसो बनने की ओर बढ़ रहा है। अलनीनो इफेक्ट के बेअसर होने से मानसून को ताकत मिलती है। इससे कमजोर कम दबाव के क्षेत्र से और कई बार इसके बिना भी बारिश हो जाती है।
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एसके नायक का मानना है कि 2019 का मानसून परिस्थितियों में बदलाव का उम्दा उदाहरण है। अलनीनो के साथ सकारात्मक आईओडी और एमजेओ (मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन, एक समुद्री पैरामीटर) जिम्मेदार हैं। आईओडी की प्रबलता एवं अलनीनो की स्थिति में कमी से प्रदेश व देश के अधिकांश हिस्सों में सरप्लस बारिश हो रही है।
जुलाई से शुरू हुई अलनीनो में गिरावट स्काईमेट सहित अन्य एजेंसियों ने अलनीनो प्रभाव से सामान्य से कम मानसून का अनुमान जताया था। विभाग ने सामान्य मानसून की बात कही थी। जुलाई के आखिर में अलनीनो में गिरावट आनी शुरू हुई।
भू-मध्यरेखीय समुद्री सतह का तापमान एसएसटी गिरने के बाद फिर से बढ़ गया, लेकिन जल्द ही गिरावट आई। लगातार तीसरे सप्ताह भी जारी रही। मौजूदा सप्ताह में एसएसटी 0.4 -0.1 डिग्री तक नीचे चला गया। यह अलनीनो के पतन का स्पष्ट संकेत है।
नौ से बारह महीनों तक रहता है अलनीनो अलनीनो आमतौर पर 9-12 महीनों तक रहता है। अब तक इसके नौ दौर हो चुके हैं। यह मार्च से जून तक विकसित होता है। भूमध्य रेखा पर सूर्य की निकटता से प्रशांत महासागर में वार्मिंग में वृद्धि से दिसंबर से अप्रैल तक रहता है।
दिनभर बूंदाबांदी, गिरा 7 मिमी पानी रविवार को दिनभर रुक-रुककर बूंदाबांदी से सात मिमी बारिश हुई है। बारिश का कुल आंकड़ा 1208.1 मिमी पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 386.5 मिमी अधिक है। मौसम केन्द्र ने रविवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटों में कुल बारिश 29.2 मिमी दर्ज की। शहर में यह आंकड़ा 45.5 मिमी है। रविवार को अधिकतम तापमान 25.3 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 3.9 डिग्री कम है।
इधर, बड़े तालाब का निरीक्षण और निर्देश: वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का बड़े तालाब अभी अपने फुलटैंक लेवल पर है। अभी जहां तक तालाब का पानी है उसे चिह्नित करें और बारिश के बाद वहां एफटीएल प्वाइंट लगाएं। इस काम में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही जितने भी मैरिज गार्डन झील किनारे बने हैं उनकी जांच कर कार्रवाई करें। सीवेज को भी तालाब में मिलने से रोकें।
यह निर्देश नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने रविवार को बड़ी झील का निरीक्षण करते हुए दिए। वे नगर निगम आयुक्त बी विजय दत्ता व अन्य अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कर्बला से खानूगांव, लालघाटी, खजूरी, बिसनखेड़ी, सूरज नगर, भदभदा तक झील के किनारों का जायजा लिया।
तालाब में नहीं मिलना चाहिए सीवेज निरीक्षण के दौरान पीएस ने निगम अधिकारियों से पूछा कि, बड़े तालाब में सीवेज का पानी कितना मिल रहा है। इसको लेकर निगम अधिकारियों ने बताया कि, फिलहाल बड़े तालाब में 19 नाले मिल रहे है। इसके बाद प्रमुख सचिव संजय दुबे ने कहा कि, तालाब के आसपास जितने भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं उनमें ऐसी व्यवस्था की जाए कि, किसी भी हालत में बड़ी झील में सीवेज का पानी नहीं मिले।
अवैध मैरिज गार्डन पर तुरंत कार्रवाई करो पीएस ने अधिकारियों से खानूगांव में तालाब किनारे बने मैरिज गार्डन्स के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने निगम अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि, खानूगांव स्थित मैरिज गार्डन्स की जांच जल्द कर तुरंत कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही दुबे ने लालघाटी और बैरागढ़ क्षेत्र में सुंदरवन गार्डन एवं अन्य मैरिज गार्डनों की जानकारी भी ली।
Hindi News / Bhopal / मध्यप्रदेश में लगातार बारिश का ये हैं कारण, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान