बता दें कि शुक्रवार 2 अगस्त को एमपी के कई जिलों में हो रही लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। जबकि कोलार, तवा, बरगी समेत एमपी के 9 डैम के गेट खोलने पड़ गए।
आज 47 जिलों में भारी से अतिभारी बारिश का डबल अलर्ट
मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार 3 अगस्त और रविवार 4 अगस्त को भी मौसम का यही मिजाज रहेगा। 12 जिले सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, श्योपुर और शिवपुरी में अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट (Red Alert for very Heavy rain) जारी किया है। वहीं भोपाल, जबलपुर समेत 35 जिलों में ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert for Very Heavy rain) जारी करते हुए भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
यहां होगी तेज बारिश
IMD ने एमपी के सतना (Satna), मऊगंज, सिंगरौली, ग्वालियर (Gwalior), मुरैना(Morena), भिंड (Bhind), नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, देवास, उज्जैन, इंदौर(Indore), बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, नीमच में तेज बारिश (heavy rain) की चेतावनी जारी की है।IMD ने बताया कैसे बना बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम
IMD भोपाल के सीनियर मौसम वैज्ञानिक शैलेंद्र नायक के मुताबिक झारखंड और पश्चिमी बंगाल के आसपास साइक्लोनिक सर्कुलेशन लो एरिया प्रेशर बना हुआ है। मानसून ट्रफ इस लो प्रेशर एरिया के केंन्द्र से होते हुए सीधी ग्वालियर यानी मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से से गुजर रही है।इसके साथ ही एक अन्य ट्रफ पूर्व-पश्चिम से होकर इन्हीं एरिया में एक्टिव है। वहीं दक्षिण-पश्चिम हवाओं से लगातार नमी आ रही है, जो मध्य प्रदेश को प्रभावित कर रही है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश में अतिभारी से लेकर तेज और कहीं मध्यम बारिश का दौर जारी है। शनिवार और रविवार 4 अगस्त तक IMD ने एमपी में ऐसा ही मौसम रहने की चेतावनी (IMD Weather alert for Heavy rain) जारी की है।
आज आगे बढ़ रहा स्ट्रॉन्ग सिस्टम
IMD के मुताबिक आज शनिवार 3 अगस्त को ये स्ट्रॉन्ग सिस्टम आगे बढ़ रहा है। इससे दक्षिण और मध्य हिस्से में भारी से अतिभारी बारिश होगी। इसीलिए कई जिलों में भारी से अतिभारी बारिश का रेड अलर्ट, तो कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि पूरे एमपी में अब तक नॉर्मल से 2.1 इंच बारिश ज्यादा दर्ज की गई है। जून से जुलाई तक यहां 18.5 इंच बारिश दर्ज की जाती है। लेकिन इस मानसून सीजन में यहां 20.6 इंच बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य बारिश से 21 इंच ज्यादा है।