सीवेज प्रभारी ने बंद किया अपना मोबाइल नम्बर
लहरपुर में नाला उफान पर हैं। घरों में पानी घुसा हुआ है, निगम के सीवेज प्रभारी अशरफ ने अपना मोबाइल नम्बर बंद कर लिया है। एक घंटे पहले रहवासी किरण ने शिकायत दर्ज कराई, अब तक कोई सीवेज का पानी निकालने नहीं पहुंचा। बुधवार की शाम से ही हल्की बारिश की शुरूआत हुई करीब रात 11 बजे से बारिश तेज हो गयी।
12 घंटे लगातार बारिश से पानी-पानी हुई MP की राजधानी, यहां क्लिक कर देखें भोपाल बारिश की लाइव तस्वीर
किसानों के चेहरे खिले
गुरुवार की सुबह तक लगातार करीब 10 घंटे बारिश होने से राजधानी के आसपास रहने वाले किसानों के चेहरे खिल गए। हालांकि किसानों का कहना है कि अगर यही बरिश और तेज हुई तो नुकसान दे सकती है। उनका कहना है कि पहली बारिश में ज्यादातर पानी नदी नालों में बह जाता है और फिर वाष्प बनकर चला जाता है। बारिश के पानी को धरती के अंदर जाने में समय लगता है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो कई इलाकों में हो रही पेयजल समस्या से दूर होगी। किसानों के लिए ये बारिश अच्छी है। क्योकि धान धान की रोपाई भी अब तेज हो गयी है।
निचली बस्ती में बनी आफत
राजधानी भोपाल के कोलार, अशोकानगर, भीमनगर और कई निचली बस्तियों में पानी भर गया है। वहीं दानिश नगर एमपीनगर जैसे इलाकों की नालियां जाम होने से सड़कों के ऊपर से पानी बह रहा है। लगातार 10 घंटे तक हुई झमाझम बारिश ने नगर निगम की पोल खोली दी है। हालाकिं प्रदेश में किसी समस्या से जुझने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग पहले से सतर्क है।
नगर निगम की खुली पोल
मध्यप्रदेश स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान भोपाल नगर निगम नाली, स्वच्छता को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा था। लेकिन बारिश आते ही कई इलाकों की सड़क, नालियां और सिवेज ने निगम की पोल खोल दी। बारिश के पहले निगम ने इन सभी को ठीक करने का दावा किया था। लेकिन बारिश में कई इलाकों के नालियां और सिवेज से निकलने वाला पानी जाम हो गया। रहवासियों में नगम के कार्य को लेकर खूब गुस्सा है। कोलार के रहवासी हरीशंकर का कहना है कि बारिश के पहले निगम सड़क,नाली और सीवेज ठीक करने का दावा किया था। लेकिन अब तक कई नालियां भठी हुई हैं, जगह जगह जल जमाव है।