84 दिन में सामान्य से 74 मिमी ज्यादा पानी बरस चुका है। 947.42 मिमी सामान्य वर्षा के मुकाबले 1021.08 मिमी पानी गिर चुका है। प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित कई जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक की संभावना जताई है।
महाकौशल में बारिश ने मचायी तबाही
मध्यप्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया है । महाकौशल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिलों में कई जगहों पर नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे यातायात और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। जबलपुर में पिछले 24 घंटों में 190.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं। कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। मंडला जिले में नर्मदा नदी उफान पर है। अन्य नदियां भी उफान पर हैं, जिससे मंडला-नागपुर, मंडला-कान्हा नेशनल पार्क, नैनपुर-सिवनी और मंडला-डिंडोरी मार्गों पर यातायात प्रभावित हो रहा है। बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
बालाघाट और सिवनी जिलों में भारी बारिश जारी है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। महाकोशल क्षेत्र के सभी जिलों में औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है।
क्या है मौसम विभाग का कहना
IMD के वैज्ञानिकों ने नागरिकों से अपील की गई है कि सावधान रहें। पूरे मध्यप्रदेश में कहीं पर भी वज्रपात हो सकता है। लगातार लंबे समय तक बारिश हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में सिस्टम मजबूत होने लगा है। मौजूदा सिस्टम उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया है। हालांकि अगले 32 घंटे एमपी के 11 जिलों में भारी बारिश की संभावना है। 15 सितंबर से बंगाल की खाड़ी में फिर नया सिस्टम एक्टिव हो रहा है। 16 सितंबर से इस सिस्टम का असर एमपी में देखने को मिलेगा। सागर, टीकमगढ़, मंडला सहित 15 जिलों में फिर भारी बारिश का दौर शुरू होगा।