चिकित्सकों की मानें, तो मौजूदा दिनों में हृदय रोग से जुड़े 15 से 20 फीसदी मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। खासबात ये है कि, इनमें 50 फीसदी से ज्यादा मरीज खाने के साथ या अलग से नियमित रूप से सेंव, चूड़ा, गाठिया खाना पसंद करते हैं। चिकित्सकों की मानें, तो नमकीन से होने वाला नुकसान इसमें इस्तेमाल होने वाले तेल और मसाले हो सकते हैं। चिकित्सकों का ये भी कहना है कि, अधिकतर लोग दिल की बीमारी के सामान्य लक्षणों को ध्यान नहीं देते हैं, ये भी एक कारण है कि, अस्पतालों में अधिकतर मरीज स्थिति अधिक बिगड़ने पर ही पहुंचते हैं।
बंसल हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्कंद त्रिवेदी ने बताया कि OPD में करीब 300 दिल की बीमारी से जुड़े मरीज आते है। इसमें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, धूम्रपान करने वाले होते हैं। इसके अलावा 50% मरीज ऐसे देखे जा रहे है, जिनको न तो कोई बीमारी है न ही वह धूम्रपान करते हैं। उनमें खाने के साथ नियमित रूप से सेंव, चूड़ा, गाठिया जैसे तेल के खाद्य पदार्थ का सेवन करने की बात सामने आ रही है। डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि खाने के साथ रोजाना सेंव, चूड़ा खाना दिल के लिए धूम्रपान के समान जहरीला है। इसके नियमित खाने से बचना चाहिए।
पढ़ें ये खास खबर- 1 अक्टूबर से खुलने जा रहा है टाइगर रिजर्व, कोर एरिया में सफारी करेंगे पर्यटक
AIIMS में हर हफ्ते पहुंचे रहे 50 के करीब मरीज
राजधानी भोपाल में स्थित एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरव खंडेलवाल के अनुसर, अस्पताल की OPD में रोजाना 50 के करीब मरीज हृदय रोग से जुड़ी बीमारी के पहुंच रहे हैं। ऐसे में अनुमान लगाएं, तो सप्ताह में 300 से अधिक और महीने में करीब 1500 मरीजों का सिर्फ यहीं उपचार किया जा रहा है। डॉ. खंडेलवाल के अनुसार, दिल की बीमारी आम तौर पर अनियमित दिनचर्या के साथ साथ बाहर के खानपान का शौक होता है। क्योंकि, बाहर के भोजन में क्या मसाले इस्तेमाल किये जा रहे हैं, कैसा तेल इस्तेमाल हो रहा है। ये सब हृदय को स्वस्थ रखने में बहुत मायने रखता है।
किस उम्र के लोगों में कितने हृदय रोगी
कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. खंडेलवाल के अनुसार, जो मरीज अस्पताल आ रहे हैं, अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार अगर गौर करें, तो इनमें 55 से 70 साल के 50 फीसदी मरीज हैं। वहीं, 30 से 55 साल के 30 फीसदी और 70 साल से अधिक उम्र के 20 फीसदी मरीज शामिल हैं।
पढ़ें ये खास खबर- पाइल्स के ऑपरेशन के बाद हुआ कैंसर, मरीज ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप
कोलेस्ट्राल बढ़ने से बढ़ रहे मरीज
आमतोर पर अस्पताल में आ रहे मरीजों में 30 साल से अधिक उम्र के लोग शामिल हैं। इनमें प्रमुख तौर पर शरीर में कोलेस्ट्राल बढ़ने के कारण दिल की धमनियां रुकने लगती हैं।इसी से हार्ट अटैक की स्थिति बनती है। आमतौर पर इसका इलाज शुरु करने से पहले चिकित्सक द्वारा प्राथमिक दवाइयां देकर आराम देने की कोशिश की जाती है। तकलीफ बने रहने की स्थिति में दिल की धमनियों के ब्लॉकेज जांचे जाते हैं। ताकि, पता लगाया जा सके कि, दिल की धमनियां कितने फीसदी ब्लॉक हुई हैं। इसके बाद ब्लॉकेज खोलने के लिए एंजियोप्लास्टी यानी स्टैंड डाल कर ब्लॉक खोला जाता है। धमनियों में अत्याधिक ब्लॉक होने पर मरीज की बाईपास सर्जरी की जाती है।
दिल की बीमारी के कारण
मधुमेह यानी डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा पीड़ित, धुम्रपान, अधिक तेल वाला भोजन, खाने में नमक का अधिक सेवन, बाहर का खाना, तनाव आदि दिल की बीमारी के कारण बनते हैं।
हार्ट अटैक से पहले दिखते हैं ये लक्षण
हृदय रोग की शुरुआत सीने में दर्द से शुरु होती है। इसमें पूरी छाती एक साथ भारी हो जाती है। यह दर्द कभी गले तक या कभी कंधे तक में आता है। इसमें सांस लेने में तकलीफ, उल्टी होने जैसा लगना और साथ में पसीना आता है। इसमें चलने या कोई भारी काम करने पर दर्द बढ़ जाता है। इसके विपरीत एसीडीटी का दर्द पेट में या उसके ऊपरी भाग में होता है।
इस तरह रखें अपने दिल को स्वस्थ
पाइल्स का इलाज कराने पर हुआ कैंसर, देखें वीडियो