एक जानकारी के मुताबिक देश में 3 करोड़ से ज्यादा लोग दिल से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं। इस देश में प्रत्येक 3 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक से हो जाती है। इसमें 50 प्रतिशत लोग 50 साल से अधिक वाले हैं, 25 फीसदी लोग 40 साल की उम्र वाले है और अब इनसे कम उम्र वालों की भी संख्या बढ़ रही है। क्योंकि 18 से 25 साल की उम्र के युवा सिगरेट और शराब का सेवन करने लगे हैं। जो हार्ट अटैक का अहम कारण साबित हो रहा है।
नशा करने से कमजोर होता है दिल
भोपाल के हमीदिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आरएस मीना बताते हैं कि ज्यादा नशा करने से हार्ट की मायकार्डियल मसल्स कमजोर हो जाती है। इन्हीं मशल्स से हार्ट का निर्माण होता है। इन मसल्स के कमजोर होने से धड़कन की गति असामान्य हो जाती है और कार्डियक फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
कम उम्र में हार्ट अटैक के यह हैं पांच कारण
ज्यातार युवा एक दूसरे की देखा-देखी स्मोकिंग या शराब पीने लगते हैं। डाक्टरों के अनुसार यह आदतें इंसान के भीतर कार्डियोवस्कुलर डिजिज जैसी बीमारी के लक्षण पैदा करते हैं। इसके बाद बाडी में फैट बनता है और उसे फिर कोरोनरी हार्ट की बीमारी हो जाती है।
शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसका सीधा असर बल्ड वेसैल्स पर पड़ने से हार्ट पंपिंग शुरू हो जाती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह हर दिन पीने से खतरा भी बढ़ने लगता है। जब अटैक आता है तो व्यक्ति को संभलने का अवसर नहीं मिलता है।
आजककल के युवा वर्ग की चाहत जंक फूड ज्यादा हो गई है। कम समय में जंक फूड खाकर यह लोग गुजारा करते हैं, इससे वो तली चीजों का ज्यादतर इस्तेमाल करते हैं। इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है और इसका सीधा असर दिल पर पड़ने लगता है, नतीजा कभी भी हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है।
कम उम्र के बच्चे अति उत्साह में अपनी लाइफ स्टाइल में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें काने-पीने की भी चिंता ज्यादा नहीं रहती। वे बाहर की चीजों को रोक नहीं लगा पाते। ज्यादातर समय कंप्यूटर पर बैठे रहने और शारीरिक श्रम नहीं कर पाने के कारण वे खतरे की ओर बढ़ने लगते हैं। दफ्तर से लेकर हर जगह फोन पर ही व्यस्त रहते हैं। इसमें सोशल मीडिया भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। इस वजह से वर्क लोड सीधा ब्लड सेल्स पर असर डालता है। इसी कारण युवा वर्ग कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर जैसी समस्या के शिकार हो रहे हैं। नतीजा कभी भी हार्ट अटैक हो सकता है।
तनाव (स्ट्रेस) में जीवन गुजारना भी खतरे से खाली नहीं है। एक स्वस्थ मन और स्वस्थ तन रखना भी बेहद जरूरी होता है। यह आपके दिल और मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। इससे जितना बचे और एंजॉय करें उतना अच्छा है। इसलिए स्वस्थ लाइफ जीएं, प्रसन्न रहें और परिवार के समय अच्छा वक्त बिताएं।
17 साल के किशोर की हार्ट अटैक से मौत
अयोध्या नगर थाना क्षेत्र में शुक्ला क्रेशर बस्ती में रहने वाले विक्की प्रजापति पुत्र ब्रजेश प्रजापति की 17 साल की उम्र में मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में हार्ट फेल होना बताया जा रहा है। आनंद के पिता ब्रजेश मजदूरी का काम करते हैं और विक्की उनके काम में हाथ बंटाता था। पांच फरवरी को विक्की के पेट और सीने में तेज दर्ज उठने पर उसे बायपास स्थित करोंद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से दवाएं देकर उसे छुट्टी कर दी गई थी। सोमवार दोपहर 12 बजे उसे अचानक सीने और पेट में दर्ज उठा, परिजन उसे लेकर अस्पताल जाते उससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। विक्की के परिवार में मां हेमलता और एक बडा़ भाई है।
22 साल के योग प्रशिक्षक की मौत
इधर, टीटी नगर थाना क्षेत्र स्थित सेकंड नंबर बस स्टैप पर संस्कार भारती कार्यालय है। उसके कमरे में अजीत सिंह यादव रहते हैं। उन्हीं के साथ वाले कमरे में सतना निवासी युवा योग प्रशिक्षक आनंद त्रिपाठी पिता अमरनाथ त्रिपाठी (22) भी रहते थे। सोमवार रात 12 बजे जब अजीत अपने कमरे में सोने जा रहे थे तभी आनंद त्रिपाठी को बेसुध पड़े देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस का अनुमान है कि संभवतः हार्ट अटैक से मौत हुई है।