एक अध्ययन के अनुसार भारत में 3 करोड़ से ज्यादा लोग दिल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में हैं। इस देश में प्रत्येक 3 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक से हो रहीहै। इसमें 50 प्रतिशत लोग 50 साल से अधिक वाले हैं। 25 फीसदी लोग 40 साल की उम्र वाले हैं। जबकि इनसे कम उम्र वालों की संख्या भी बढ़ रही है।क्योंकि 18 से 25 साल की उम्र के युवा सिगरेट और शराब का सेवन करने लगे हैं, जो हार्ट अटैक का बड़ा कारण बन रहा है। गौरतलब है कि पिछले साल मई में भोपाल में 17 साल के किशोर की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी। इसके बाद मंगलवार 11 जुलाई 2023 को छतरपुर से 17 साल के बच्चे की मौत ने सभी को चौंका दिया।
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नशा करने से कमजोर होता है दिल
भोपाल के हमीदिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. आरएस मीना कहते हैं कि नशा करने से हार्ट की मायकार्डियल मसल्स कमजोर होने लगती है। इन्हीं मसल्स से हार्ट का निर्माण होता है। इन मसल्स के कमजोर होने से धड़कन की गति असामान्य होने लगती है और कार्डियक फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
कम आयु में अटैक के पांच कारण
स्मोकिंग
आजकल के युवाओं में स्मोकिंग का चलन ज्यादा बढ़ गया है और यह उनकी लाइफ स्टाइल में शामिल होता जा रहा है। स्मोकिंग या शराब पीने के कारण ही इस प्रकार की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह आदतें इंसान के भीतर कार्डियोवस्कुलर डिजिज जैसी बीमारी के लक्षण पैदा करते हैं। इसके बाद बाडी में फैट बनता है और उसे फिर कोरोनरी हार्ट की बीमारी हो जाती है।
शराब से बढ़ता है ब्लड प्रेशर
शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसका सीधा असर बल्ड वेसैल्स पर पड़ने से हार्ट पंपिंग शुरू हो जाती है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह हर दिन पीने से खतरा भी बढ़ने लगता है। जब अटैक आता है तो व्यक्ति को संभलने का अवसर नहीं मिलता है।
जंक फूड
जंक फूड के ज्यादा इस्तेमाल से भी किशोर और युवाओं के शरीर को कमजोर बना दिया है। कम समय में जंक फूड खाकर यह लोग गुजारा करते हैं, इससे वो तली चीजों का ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं। इससे शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है और इसका सीधा असर दिल पर पड़ने लगता है, नतीजा कभी भी हार्ट अटैक की स्थिति बन जाती है।
ओवर वर्क लोड
कम उम्र के बच्चे अति-उत्साह में अपनी लाइफ स्टाइल में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें खाने-पीने की भी चिंता नहीं रहती। वे बाहर की चीजों को रोक नहीं लगा पाते। ज्यादातर समय कंप्यूटर पर बैठे रहने और शारीरिक श्रम नहीं कर पाने के कारण वे खतरे की ओर बढ़ने लगते हैं। दफ्तर से लेकर हर जगह फोन पर ही व्यस्त रहते हैं। इसमें सोशल मीडिया भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। इस वजह से वर्क लोड सीधा ब्लड सेल्स पर असर डालता है। इसी कारण युवा वर्ग कम उम्र में ही ब्लड प्रेशर जैसी समस्या के शिकार हो रहे हैं। नतीजा कभी भी हार्ट अटैक हो सकता है।
तनाव में ही गुजरते हैं जीवन
तनाव (स्ट्रेस) में जीवन गुजारना भी खतरे से खाली नहीं है। एक स्वस्थ मन और स्वस्थ तन रखना भी बेहद जरूरी होता है। यह आपके दिल और मस्तिष्क पर प्रभाव डालता है। इससे जितना बचे और एंजॉय करें उतना अच्छा है। इसलिए स्वस्थ लाइफ जीएं, प्रसन्न रहें और परिवार के समय अच्छा वक्त बिताएं।
भोपाल में भी हुई थी 17 साल के बच्चे की मौत
अयोध्या नगर थाना क्षेत्र में शुक्ला क्रेशर बस्ती में रहने वाले विक्की प्रजापति पुत्र ब्रजेश प्रजापति की 17 साल की उम्र में मौत हो गई। आनंद के पिता ब्रजेश मजदूरी का काम करते हैं और विक्की उनके काम में हाथ बंटाता था। पांच फरवरी को विक्की के पेट और सीने में तेज दर्ज उठने पर उसे बायपास स्थित करोंद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से दवाएं देकर उसे छुट्टी कर दी गई थी। अगले दिन दोपहर 12 बजे उसे अचानक सीने और पेट में दर्ज उठा, परिजन उसे लेकर अस्पताल जाते उससे पहले ही उसने दम तोड़ दिया। बाद में उसकी मौत हार्ट अटैक से होना बताया गया।
22 साल के योग प्रशिक्षक की मौत
टीटी नगर थाना क्षेत्र स्थित सेकंड नंबर बस स्टैप पर संस्कार भारती कार्यालय है। उसके कमरे में अजीत सिंह यादव रहते हैं। उन्हीं के साथ वाले कमरे में सतना निवासी युवा योग प्रशिक्षक आनंद त्रिपाठी पिता अमरनाथ त्रिपाठी (22) भी रहते थे। सोमवार रात 12 बजे जब अजीत अपने कमरे में सोने जा रहे थे तभी आनंद त्रिपाठी को बेसुध पड़े देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस का अनुमान है कि संभवतः हार्ट अटैक से मौत हुई है।
स्कूल की प्रार्थना में खड़े बच्चे को आया हार्ट अटैक
छतरपुर में मंगलवार को 17 साल के बच्चे को स्कूल में प्रार्थना के दौरान हार्ट अटैक आ गया। उसे सीपीआर दिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। श्रीराम सेवा समिति जैसे सामाजिक संगठन में सक्रिय रहे जाने-माने व्यापारी आलोक टिकरिया के 17 वर्षीय सुपुत्र सार्थक महर्षि विद्या मंदिर की कक्षा 10वीं में पढ़ाई कर रहे थे। रोज की तरह सार्थक सुबह 6 बजे जागा और तैयार होकर स्कूल चला गया। साढ़े 7 बजे से 8 बजे के बीच स्कूल में सभी बच्चे पढ़ाई के पूर्व प्रार्थना की पंक्ति में खड़े थे, तभी अचानक सार्थक जमीन पर गिर गया। बच्चे कुछ समझ पाते इसके पहले ही सार्थक बेहोश हो गया। स्कूल के स्टाफ ने बच्चे की छाती पर सीपीआर देने की कोशिश की और परिवार को सूचित किया। परिवार के लोग मौके पर पहुंचे, बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल लाया गया लेकिन इसके पहले ही उसकी जान चली गई थी। सार्थक तीन भाई बहनों में सबसे छोटा था, उसका एक बड़ा भाई और बड़ी बहन नोएडा और भुवनेश्वर में पढ़ रहे हैं।