अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए एम्स और गांधी मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से जागरुकता और रोकथाम के प्रोग्राम शुरू करवाए जा रहे हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही दिल की धड़कन थमने को लेकर पत्रिका ने 6 नवंबर की खबर से आगाह किया था।
अटैक के साथ ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
इन दिनों उत्तरी हवा
भोपाल में ठंड बढ़ा रही है। इसके साथ हार्ट अटैक के साथ ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा है। जीएमसी के न्यूरो सर्जन डॉ. आइडी चौरसिया ने बताया कि ठंड बढ़ने पर नसें सिकुड़ने लगती हैं। ऐसे में जिनकी नसों में ब्लॉकेज या जिनका खून गाढ़ा होता है, उनमें स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है।
बीते सालों के ट्रेंड को देखें तो नवंबर से जनवरी माह में इन रोगों में 25 फीसदी तक की वृद्धि होती है। जीएमसी के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजय शर्मा ने बताया कि ठंड में सुबह जल्दी और देर रात में बाहर जाने से बचें। जिनका हीमोग्लोबिन ज्यादा हो और दिमाग व दिल के पुराने रोगी हो, वे ज्यादा सावधान रहें। वे सूरज उदय के बाद वॉक पर जाएं।
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ए से एडिक्शन यानी सिगरेट और शराब से दूरी
बी से बीपी कंट्रोल सी से कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल डी से डायबिटीज कंट्रोल ई से एक्सरसाइज एफ से फन यानी खुश रहें
इन चेतावनियों पर करें गौर
-सीने में दर्द
-टहलने पर पैरों में दर्द
-अधिक खर्राटें लेना
-गर्दन, पीठ, जबड़े, भुजाएं और कंधे की हड्डी में दर्द
-चक्कर आना, अचानक पसीना आना, बेचैनी व पेट खराब होना