कोरोनाकाल में फेफड़े में सूजन के चलते कई मरीजों की मौत व स्थिति बेहद गंभीर हो गई। ऐसे में डेक्सामिथासोन दवा की डिमांड तेजी से बढ़ी। खुशीलाल के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान मुलेठी और डेक्सामिथासोन दोनों के प्रभावों की जांच की। इसमें पाया कि मुलेठी भी इस दवा जैसी क्षमता रखती है। मुलेठी से कोई नुकसान की बात भी सामने नहीं आई।
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पेट में दर्द, छाती में दर्द, थकान, बुखार, जोड़ों का दर्द या जकड़न, मुंह के छाले, त्वचा पर लाल चकत्ते
बचाव के यह सुझाव
वजन मेंटेन रखना
शराब और धूम्रपान से दूरी रोजाना
एक्सरसाइज करना
चूहों पर रहा सफल
अभी सूजन कम करने वाली दवाएं शरीर पर हानिकारक प्रभाव डालती हैं। ऐसे में सुरक्षित इलाज की खोज के लिए पं. खुशीलाल आयुर्वेद संस्थान में प्रोफेसर डॉ. नितिन उज्जालिया और अविनाश के निर्देशन में डॉ. श्वेता मंडलोई ने शोध किया। चूहों पर शोध के सफल परिणाम के बाद अब टीम ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए आवेदन किया है। शोध में मुलेठी से निकाले एक्सट्रेक्ट का प्रयोग किया गया।