बाबा के मैनपुरी के आश्रम में ही होने की अटकलें हैं। यहां अभी भी कई महिलाएं मौजूद हैं। ग्वालियर की एक महिला यहां सेवादार है। उससे बातचीत से पता चलता है कि भोले बाबा ने महिलाओं के दिलोदिमाग पर किस तरह कब्जा कर लिया।
122 लोगों की मौत के इतने हादसे बड़े हादसे के बाद भी ग्वालियर की सेवादार की बाबा के प्रति भक्ति भावना में कोई कमी नहीं आई है। उसने बाबा को अपना मानस पति बताया। भोले बाबा की कथित कृपा के उदाहरण भी दिए। महिला के मुताबिक बाबा के आशीर्वाद से मेरे घर के झगड़े-टंटे खत्म हो गए, पति ने शराब पीना बंद कर दिया। महिला ने कहा कि पति तो केवल तन का है, मन के पति तो बाबा ही हैं, वे ही मेरे सबकुछ हैं। बाबा ही मेरे प्राणनाथ हैं… मेरे भगवान हैं…
बता दें कि हाथरस में सत्संग में भगदड़ मचने के बाद बाबा का काफिला मैनपुरी जाते दिखा था। जांच में यह तथ्य भी सामने आया हादसे के बाद ‘भोले बाबा’ ने आयोजकों से तीन बार बात की थी। कॉल डिटेल्स के अनुसार दोपहर 3 बजे से शाम 4:35 बजे तक बाबा की लोकेशन मैनपुरी आश्रम बता रही है। इसके बाद उसका फोन मैनपुरी वाले आश्रम से ही स्विच ऑफ हो गया। इस आश्रम में करीब 4 दर्जन महिलाएं मिली थीं जिनमें ग्वालियर की सेवादार भी शामिल है।
बाबा का ग्वालियर कनेक्शन
— बाबा के कार्यक्रम में शामिल होने ग्वालियर से कई महिलाएं हाथरस गई थीं।— इनमें से एक महिला की हादसे में मौत भी हुई।
— ग्वालियर के झंडा का पुरा गांव में भोले बाबा का हरि विहार नाम से आश्रम था।
— हादसे के बाद यहां तिघरा थाना पुलिस ने दबिश दी। सभी कमरों में बाबा को ढूंढा लेकिन वह नहीं मिला।
— वहां मौजूद सेवादारों ने बताया कि बिल्डिंग किराए पर लेकर आश्रम शुरू किया था लेकिन अब यह बंद हो चुका है। आखिरी बार बाबा यहां 10 मई को अपने परिवार के साथ आया था।