भोपाल

harda blast: धमाके से क्यों हुआ बड़ा नुकसान…पत्रिका बता रहा पूरा सच

क्षमता से ज्यादा सुतली बम एक साथ रखे, क्लस्टर की तरह फटे इसलिए ज्यादा तबाही

भोपालFeb 10, 2024 / 08:18 am

Manish Gite

 

हरदा में मगरधा रोड पर पटाखा फैक्ट्री सोमेश फायर वर्क्स में हुए धमाके साधारण सुतली बम से नहीं, बल्कि सुतली बमों के क्लस्टर बम में तब्दील होने से हुई। यह कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूएन (संयुक्त राष्ट्र संघ) ने रोक लगा रखी है। चूंकि इससे बड़े पैमाने पर नुकसान होता है, इसलिए कोई देश इस तकनीक का इस्तेमाल नहीं करता। इसका खुलासा आयुध निर्माणी के दो विशेषज्ञों ने किया है।

पत्रिका से मुख्य आयुध निर्माणी खमरिया और इटारसी आयुध निर्माणी के हादसे को समझने की कोशिश की। करीब 11 विशेषज्ञों से बात की। उनमें से ज्यादातर ने कहा, हरदा में पटाखा फैक्ट्री में क्षमता से ज्यादा सुतली बम बनाए गए। इन्हें अलग कमरों में स्टॉक किया गया होगा। खमरिया आयुध निर्माणी में सेवा दे चुके रक्षा मंत्रालय के संयुक्त परामर्श समिति सदस्य अरुण दुबे ने बताया, जितना बड़ा धमाका और नुकसान हुआ, वह तब संभव है, जब समूह में रखे गए सुतली बमों ने क्लस्टर बम का काम किया हो। अलग-अलग रखे गए सुतली बमों से इतना बड़ा धमाका नहीं हो सकता।

 

इतने बड़े धमाकों के दो कारण

– बमों के स्टॉक एक ही जगह रखे रक्षा मंत्रालय के संयुक्त परामर्श समिति के सदस्य अरुण दुबे का कहना है, ऐसी फैक्ट्री में जब भी सुतली बम या अन्य पटाखे बनाए जाते हैं तो उन्हें बारूद के साथ नहीं रखा जाता। दो किमी दूर रखते हैं। स्टॉक दूरी पर रखते तो बड़ा धमाका नहीं होता।

-बिना सेफ्टी विभाग चल रही थी फैक्ट्री विस्फोटक विशेषज्ञ आरएन शर्मा की मानें तो पटाखा निर्माण से जुड़ी फैक्ट्रियों में अलग से सेफ्टी डिपार्टमेंट जरूरी है। ये विशेषज्ञ तय करते हैं कि भवन की डिजाइन कैसी हो। वहां की वायरिंग, बिजली उपकरण कैसे हों। पर यहां ऐसा था ही नहीं।

 

हादसे की भयावहता

हादसे की भयावहता की यह भी वजह फैक्ट्री की दीवारें सामान्य भवनों से ज्यादा मोटी, ऊंची होनी चाहिए। यहां नहीं थी। फैक्ट्री की छतें पक्की नहीं होनी चाहिए। टीन शेड होना था। यहां दो बड़े भवन थे, जिनमें बम स्टॉक किए। रहवासियों के अनुसार, फैक्ट्री में रोज 500 से अधिक लोग काम करते थे विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसी फैक्ट्री में इतनी बड़ी संख्या में काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

 

विधायक बोले-हरदा के लोग भोपाल में करेंगे प्रदर्शन

कांग्रेस विधायक आरके दोगने ने सदन में कहा कि प्रभावितों के पुनर्वास की व्यवस्था का प्रावधान अनुपूरक बजट में नहीं है। सरकार की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया है। सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती है तो हरदा में प्रदर्शन करेंगे। जरूरत पड़ी तो प्रभावित लोगों को भोपाल लाएंगे।

 

घायल दस साल के बच्चे की एम्स भोपाल में मौत

पटाखा फैक्ट्री के विस्फोट में घायल बच्चे आशीष (10) पिता संजय राजपूत की शुक्रवार को एम्स में मौत हो गई। घायल बच्चे की आंखों की रोशनी चली गई थी, वहीं तीन दिन में दो सर्जरी के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका। अब एम्स में ब्लास्ट में घायल 4 लोगों का इलाज चल रहा है।

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