MADHYA PRADESH के हनुवंतिया टापू ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई है। कोई इसकी तुलना switzerland से करता है तो कोई आस्ट्रेलिया के आईलैंड से। 20 करोड़ से अधिक की लागत से बने एमपी टूरिज्म के कॉटेज से मीलों दूर से आ रही लहरों को देखने के लिए देशभर से लोग आते हैं। पिछले साल भी यहां जल महोत्सव का आयोजन हुआ था।
हनुवंतिया में 15 अक्टूबर से 2 जनवरी के बीच जल महोत्सव का आयोजन चल रहा है। यह आयोजन 2 जनवरी 2018 तक चलेगा। पिछले साल हुई यह गतिविधि
-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने इस टापू पर पिछले साल कैबिनेट की बैठक आयोजित की थी। इसके अलावा जल महोत्सव का भी आयोजन किया गया था जिसमें हजारों लोग उमड़ पड़े थे।
-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए MP सरकार ने इस टापू पर हाल ही में कैबिनेट की बैठक की है। इसके अलावा यहां जल महोत्सव में भी हजारों सैलानी पहुंचे।
-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि जल्द ही हनुवंतिया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों में अपनी जगह बना लेगा।
ऐसा है हनुवंतिया टापू…।
इस बार भी हनुवंतिया टापू पर बड़े पैमाने पर जल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। हनुवंतिया में 16 दिनों तक जल महोत्सव का आयोजन हुआ था। पर्यटन विभाग ने यहां पतंगबाजी, वॉलीबॉल, कैंप फायर, स्टार गेजिंग, साइकलिंग, पैरामोटरिंग, पैरासेलिंग, हॉट एयर बैलून, बर्ड वॉचिंग गतिविधियां शुरू की हैं। पर्यटकों के ठहरने और खाने के लिए लजीज व्यंजन भी यहां मौजूद हैं।
ठहरने के लिए हैं कॉटेज
यहां फिलहाल 5 कॉटेज है। प्रत्येक कॉटेज में दो हिस्से हैं और दोनों में ठहरने के लिए कॉटेज हैं। कॉटेज का फ्रंट नर्मदा की तरफ है, जहां बैठकर आप समुद्र के समान हिलोर मारते नर्मदा के पानी को निहार सकते हैं। एक कॉटेज का किराया टैक्स के साथ 3906 रुपए है। एक कॉटेज में दो लोग ही रुक सकते हैं। तीसरे व्यक्ति के लिए 350 रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। कॉटेज किराए में सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी शामिल किया गया है।
भोपाल से हनुवंतिया 356 किमी
इंदौर से सनावद 71 किमी
सनावद से पुनासा 42 किमी
पुनासा से मूंदी 24 किमी
मूंदी से सिंगाजी 07 किमी अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला पर्यटक टापू
– मूंदी के निकट इंदिरासागर बांध के बैक वॉटर में बना है हनुवंतिया टापू।
– मप्र पर्यटन विकास निगम ने इसे 20 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया है।
– बैक वाटर में बना यह टापू देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला सैलानी टापू है।
– शहरी चकाचौंध और आपाधापी से दूर नमज़्दा की लहरों के बीच इस टापू पर पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं।
– जलाशय में सैर के लिए क्रूज, वाटर स्कूटर, मोटर बोट के अलावा वूडन कॉटेज और रेस्टोरेंट की सुविधा है।
– यहां पर्यटक इंदिरासागर बांध, संत सिंगाजी की समाधि और सिंगाजी थर्मल पॉवर स्टेशन की सैर भी कर सकते हैं।
– टापू पर ठहरने के लिए होटल जैसी सुविधा वाले पांच कॉटेज बने हैं।
– बैक वॉटर के किनारे कश्मीरी लकड़ी से बने रो-हाऊस और कैंटीन की भी व्यवस्था है।
– पर्यटकों के आराम के लिए आकर्षक बगीचा और बीच भी बनाए गए हैं।
– हनुवंतिया टापू इंदौर से 150, खंडवा से करीब 45 किमी व मूंदी से 17 किमी दूर है।
– पर्यटक 60 सीटर क्रूज में बैठकर करीब 45 मिनट जलाशय में सैर कर सकते हैं।
– क्रूज की सैर के लिए कम से कम 10 सवारी होना अनिवार्य है।
– पार्टी आदि के लिए क्रूज को कर सकते हैं बुक।
हनुवंतिया टापू पर मध्यप्रदेश टूरिज्म के ही होटल हैं। वहीं रॉयल टेंट में भी रुकने के इंतजाम किए गए हैं। हालांकि यहां ठहरना थोड़ा महंगा साबित होता है। यहां का एक रात ठहरने का किराया पांच हजार रुपए से 7 हजार रुपए है। हालांकि आप यहां गोवा जैसा रहना, खाना और घूमना फील कर पाएंगे।
सड़क मार्ग से इंदौर से हनुवंतिया पहुंचने के लिए बस और रेल दोनों सुविधाएं उपलब्ध हैं। इंदौर से सरवटे बस स्टैंड से खंडवा के लिए हर आधे घंटे में बस उपलब्ध है, जो करीब साढ़े तीन घंटे से लेकर चार घंटे में पहुंचती हैं। वहीं एसी बस गीता भवन बस स्टैंड से भी बसें चलती हैं। इसके अलावा खंडवा से मूंदी के लिए हर आधे घंटे में बसें चलती हैं। इसके बाद मूंदी से हनुवंतिया 12 किलोमीटर है।
यदि आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो महू-खंडवा मीटरगेज पैंसेजर से भी खंडवा पहुंच सकते हैं। इंदौर से खंडवा के लिए पैंसेजर रोज रात 1.30 बजे, 10.20 बजे, 16.20 बजे, 20.30 बजे चलती है। खंडवा पहुंचकर आप बस से हनुवंतिया पहुंच सकते हैं। वहीं भोपाल से ब्राडगेड ट्रेन से खंडवा पहुंच सकते हैं।