भोपाल

हनुमान जी भी सपने में देते हैं भविष्य का संकेत! करें ये आसन उपाय

कई तरीकों से किया जा सकता है श्री हनुमान hanumanji gives Signs for your future को प्रसन्न, शनि पीड़ित करे तो ये है आसान उपाय…

भोपालJan 04, 2019 / 05:18 pm

दीपेश तिवारी

हनुमान जी भी सपने में देते हैं भविष्य का संकेत! करें ये आसन उपाय

भोपाल। श्रीराम भक्त हनुमान जी को जागृत देव माना जाता है। भगवान राम के भक्त हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि वह चिरंजीवी हैं। वे पृथ्वी पर सतयुग में भी थे, रामायण काल में भी थे और महाभारत काल में भी। यह भी कहा जाता है कि वह कलियुग में भी विराजमान है और उनके जीवित होने के संकेत भी मिलते हैं।

हनुमान जी के दर्शन पाने के लिए अक्सर लोग कई जतन करते हैं, लेकिन पंडित सुनील शर्मा के अनुसार शास्त्रों में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से हनुमान जी सपनों में दर्शन देते हैं या फिर किसी अन्य रूप में आपको अपनी मौजूदगी का अहसास करवा सकते हैं।

इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि हनुमान जी सपने में आकर आपके आने वाले समय यानि भविष्य के संबंध में विशेष संकेत भी देते हैं, लेकिन हनुमान जी के दर्शन का कार्य थोड़ा कठिन है, फिर भी जानकारों की मानेें तो यदि आपमें सच्ची मेहनत औऱ लगन है तो इस अनुष्ठान को आसानी से कर सकते हैं।

जानकारों के अनुसार इस उपाय को हनुमान जयंती या किसी अन्य शुभ दिन से शुरू करें, तो विशेष फल प्राप्त होता है।

ये सावधानी है जरूरी…
इस उपाय को करते समय सबसे पहले आपको ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना होगा। साथ ही, नाखून काटना, बाल या दाड़ी कटवाना, शराब व मांस का सेवन भी निषेध है।

हनुमान जी ऐसे देंगे दर्शन…
किसी शुभ दिन या फिर हनुमान जयंती का दिन है तो इस दिन स्नानादि करने के बाद एक लोटा जल लेकर हनुमानजी के मंदिर जाएं। उस जल से हनुमानजी की मूर्ति को स्नान कराएं।

पहले दिन एक दाना साबूत उड़द का हनुमानजी के सिर पर रखकर 11 परिक्रमा करें। परिक्रमा के बाद अपनी इच्छा को हनुमानजी के सामने कहें और वह उड़द का दाना लेकर घर लौट आएं। इसके बाद उसे अलग रख दें।

दूसरे दिन से एक-एक उड़द का दाना रोज़ बढ़ाते रहें और इसी तरह हनुमानजी की परिक्रमा करते रहें। आपको ऐसा 41 दिन तक करना है। 42 वें दिन से एक-एक दाना कम करते रहे। जैसे 41वें दिन कुल 41 दाने हो गए, अब 42 दिन 41 दाने मे से एक कम करके 40, 43 वें दिन 39 और फिर 81वें दिन 1 दाना रह जाएगा।

माना जाता है कि 81 दिन पूरे होने पर हनुमानजी सपने में दर्शन देते हैं व साधक की मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद भी देते हैं। ध्यान रहे कि इस अनुष्ठान के दौरान जितने भी उड़द के दाने आपने हनुमानजी को चढ़ाएं हो उन्हें नदी के जल में प्रवाहित कर दें।

रामायण की चौपाइयों से कीजिए अपने मनोरथ को पूर्ण:
इसके अलावा मनोकामना को पूरा करने के लिए आप अपने मनोरथ के अनुसार रामायण की निम्न चैपाइयों का जाप भी कर सकते हैं।
1. हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए –

“सुमिरि पवनसुत पावन नामू। अपने बस करि राखे रामू।।”


2. अपनी परेशानी को दूर करने के लिए –

“संकट कटे मिटे सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।”


3. नौकरी पाने के लिए/व्यापार में वृद्धि के लिए –

विश्व भरण पोषण कर जोई। ताकर नाम भरत-अस होई।।


4. शिक्षा में सफलता के लिए –
बुद्धिहीन तनु जानि के सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार।।


5. मुकदमे में विजय प्राप्त करने के लिए –

पवन तनय बल पवन समाना, बुद्धि बिबेक बिग्यान निधाना।।


6. रोग दूर करने के लिए –

लाय संजीवन लखन जियाय। श्री रघुवीर हरषि उर लाए।।

7. टोटकों से बचने के लिए –

भूत पिशाच निकट नहीं आवे। महावीर जब नाम सुनावै।।


8. राजपद प्राप्त करने के लिए –

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा। राम मिलाय राजपद दीन्हा।।


9.सभी कार्य में सफलता के लिए –

अतुलित बल धामं हेम शैलाभदेहं, दनुज वनकृशानुं ज्ञानिनामग्रण्यम।
सकल गुण निधानं वानराणम धीशं, रघुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि।।


अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए उससे संबंधित चैपाई का 108 बार जाप करें और उसके बाद कम से कम 21 दिन तक यह क्रिया दोहरायें। ऐसा करने से पवनपुत्र प्रसन्न होकर आपको आपकी मनोरथ पूर्ण होने का वरदान देते हैं।

हनुमान जी को प्रसन्न करने के साधारण उपाय…
पंडित शर्मा के अनुसार श्री हनुमान जी को मंगल ग्रह का अधिष्ठाता माना गया है। अत: हनुमानजी मंगलवार के देव हैं। हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है।

माना जाता है कि यदि इस दिन हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय किए जाएं तो कुछ ही समय में आपकी किस्मत बदल सकती है। ये खास उपाय आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं और सभी कष्टों को दूर भी कर सकते हैं।


: मंगलवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें।

अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें। इस उपाय से आपके पर्स में बरकत बनी रहेगी। जब यह पत्ता पूरी तरह से सूख जाए तो इस पत्ते को नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें।

 

: इसके अलावा मंगलवार के दिन हनुमानजी को चोला चढाएं। हनुमानजी को चोला चढ़ाने से पहले स्वयं स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ वस्त्र धारण करें। सिर्फ लाल रंग की धोती पहने तो और भी अच्छा रहेगा। चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें। साथ ही चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें। दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें।

चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें। अब एक साबूत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को इसका भोग लगाएं। भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।


मंत्र-
‘राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।’

अब हनुमानजी को चढाएं गए गुलाब के फूल की माला से एक फूल तोड़ कर उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी में रख लें। आपकी तिजोरी में बरकत बनी रहेगी।

– वहीं मंगलवार को शाम के समय समीप स्थित किसी ऐसे मंदिर जाएं जहां भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही प्रतिमा हों। वहां जाकर श्रीराम व हनुमानजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी के दीपक जलाएं।

इसके बाद वहीं भगवान श्रीराम की प्रतिमा के सामने बैठकर हनुमान चालीसा व हनुमान प्रतिमा के सामने बैठकर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इस उपाय से भगवान श्रीराम व हनुमानजी दोनों की ही कृपा आपको प्राप्त होगी।

यदि आप पर कोई संकट है तो मंगलवार के दिन नीचे लिखे हनुमान मंत्र का विधि-विधान से जाप करें।

मंत्र-
‘ऊं नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा’

जप विधि :
सुबह जल्दी उठकर सर्वप्रथम स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद अपने माता-पिता, गुरु, इष्ट व कुल देवता को नमन कर कुश का आसन ग्रहण करें। हनुमान प्रतिमा के सामने इस मंत्र का जप करेंगे, तो विशेष फल मिलता है। जप के लिए लाल हकीक की माला का प्रयोग करें।

शनि दोष से पीडि़त हैं तो ये करें उपाय…
वहीं यदि आप शनि दोष से पीडि़त हैं तो मंगलवार के दिन काली उड़द व कोयले की एक पोटली बनाएं। इसमें एक रुपए का सिक्का रखें। इसके बाद इस पोटली को अपने ऊपर से उसार कर किसी नदी में प्रवाहित कर दें और फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर राम नाम का जप करें इससे शनि दोष का प्रभाव कम हो सकता है।

इन मंत्रों का करें जप:
मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। किसी शांत एवं एकांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठें। स्वयं लाल या पीली धोती पहनें।

अपने सामने चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करें। चित्र के सामने तांबे की प्लेट में लाल रंग के फूल का आसन देकर श्रीहनुमान यंत्र को स्थापित करें। यंत्र पर सिंदूर से टीका करें और लाल फूल चढ़ाएं। मूर्ति तथा यंत्र पर सिंदूर लगाने के बाद धूप, दीप, चावल, फूल व प्रसाद आदि से पूजन करें। सरसों या तिल के तेल का दीपक एवं धूप जलाएं-

ध्यान- दोनों हाथ जोड़कर हनुमानजी का ध्यान करें-
ऊँ रामभक्ताय नम:। ऊँ महातेजसे नम:। ऊँ कपिराजाय नम:। ऊँ महाबलाय नम:।
ऊँ दोणाद्रिहराय नम:। ऊँ सीताशोक हराय नम:। ऊँ दक्षिणाशाभास्कराय नम:। ऊँ सर्व विघ्न हराय नम:।

आह्वान- हाथ जोड़कर हनुमानजी का आह्वान करें-
हेमकूटगिरिप्रान्त जनानां गिरिसामुगाम।पम्पावाहथाम्यस्यां नद्यां ह्रद्यां प्रत्यनत:।।

विनियोग- दाएं हाथ में आचमनी में या चम्मच में जल भरकर यह विनियोग करें-
अस्य श्रीहनुमन्महामन्त्रराजस्य श्रीरामचंद्र ऋषि: जगतीच्छन्द:, श्रीहनुमान, देवता, ह् सौं बीजं, हस्फ्रें शक्ति: श्रीहनुमत् प्रसादसिद्धये जपे विनियोग:।


इसके बाद जल छोड़ दें।

 

माना जाता है कि प्रतिदिन इसकी पूजा करने से किसी भी प्रकार के तंत्र का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंत्र क्रिया का प्रभाव पड़ता है। यदि किसी को पितृदोष हो तो उसे प्रतिदिन पारद हनुमान प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। इससे पितृदोष समाप्त हो जाता है।

मंगलवार को दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा सुपारी आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें-

मंत्र-
नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।

फिर आरती, स्तुति करके अपने इच्छा बताएं और प्रार्थना करके इस मूर्ति को विसर्जित कर दें। इसके बाद किसी योग्य ब्राह्मण को भोजन कराकर व दान देकर सम्मान विदा करें।

यह उपाय करने से शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूरी होगी।

मंगलवार को ये करें खास उपाय :
– मंगलवार के दिन राम मंदिर में जाएं। हनुमान जी के मस्तक का सिंदूर दाहिने हाथ के अंगूठे से लेकर सीता माता के श्री रूप के श्री चरणों में लगा दें। अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करें।

– मंगलवार की सुबह स्नान करने के बाद बड़ के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी के सामने रखें। इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें। अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें। साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा।

– हनुमान जी की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन व्रत करके शाम के समय बूंदी का प्रसाद बांटने से भी पैसों की तंंगी दूर हो जाती है।

– शनिवार के दिन हनुमान जी के मन्दिर में जाएं। उनके कंधों पर से सिन्दूर लाकर नजर लगे व्यक्ति को लगाएं। नजर का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

– मंगलवार को शाम के समय हनुमान जी को केवड़े का इत्र व गुलाब की माला चढ़ाएं। हनुमान जी को खुश करने का यह सबसे सरल उपाय है।

– जीवन की समस्त समस्याओं के निवारण के लिए हनुमान जी के मंदिर में जाएं और राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें।

– मंगलवार की शाम को हनुमान मंदिर में जाएं। एक सरसों के तेल का और एक शुद्ध घी का दीपक जलाएंं। वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है।

– मंगलवार के दिन हनुमानजी के पैरों में फिटकरी रखें। जिन्हें बुरे सपने आते हों वे अपने सिरहाने फिटकरी रखें। बुरे सपने नहीं आएंगे।

– यदि कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे प्रति मंगलवार और शनिवार को पीपल के 11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए।

मंगलवार और शनिवार को पीपल के11 पत्तों का यह उपाय अपनाना चाहिए। मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए।
इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें। जब सभी पत्तों पर श्रीराम नाम लिख लें, उसके बाद राम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें। इस प्रकार यह उपाय करते रहें। कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।

इसके अतिरिक्त आप हनुमानजी के निम्न मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
“ऊँ नमो भगवते आत्र्जनेयाय महाबलाय स्वाहा।”

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