गृहमंत्री को ये शिकायत 16 जून तो मुख्यमंत्री, डीजीपी, थाना प्रभारी को 17 जून को मिली थी। बावजूद इसके पुलिस का अब भी यही कहना है कि, उन्हें अबतक नर्सों की तरफ से कोई शिकायत ही नहीं मिली है। मीडिया द्वारा पड़ताल करते हुए जब कोहेफिजा थाना पहुंचकर नर्सों का आवेदन थाना प्रभारी अनिल बाजपेयी को दिया, तब उन्होंने कहा था कि ऐसे गंभीर मामलों में शिकायती आवेदन पीड़िता से ही ले सकते हैं। अब जब साफ हो गया कि खुद पीड़ित नर्सों की ओर से भेजा गया आवेदन 17 जून को कोहेफिजा थाने पहुंच गया था तो जिम्मेदारों ने प्रकरण दर्ज करने के बजाय संबंधित स्पीड पोस्ट को ही दबा दिया।
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जांच से भाग रहे हैं जिम्मेदार?
कमाल तो इस बात का है कि, मामले को जांच के बीच में छोड़ते हुए गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय भी अब अवकाश पर चले गए हैं। सोमवार को डॉ. राय ने डीन का प्रभार चर्म रोग विभाग की एचओडी डॉ. एना एलेक्स को सौंपा और खुद छुट्टी पर गए हुए हैं। प्रबंधन को फिलहाल जानकारी नहीं है कि, वो अब लौटेंगे कब तक? आपको बता दें कि, ये पहला मामला नहीं जब प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल के कोर जिम्मेदार छुट्टी पर हैं। इससे पहले जीएमसी की डिप्टी रजिस्ट्रार अमृता बाजपेयी और खुद हमीदिया अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी भी छुट्टी पर जा चुके हैं।
अबतक थाना प्रभारी के सामने नहीं पहुंची शिकायत
मामले को लेकर कोहेफिजा थाना प्रभारी अनिल बाजपेयी का कहना है कि, अबतक कोई स्पीड पोस्ट आया नहीं है और अगर आया है तो अभी तक मुझे नहीं मिला है। जो भी डाक आते हैं वो थाना स्टाफ ही रिसीव करता है। जो मेरे सामने रखी जाती है। अगर शिकायत आई है तो जांच में लेंगे। गवाहों को तलब करेंगे, बयानों के आधार पर कार्रवाई भी करेंगे।
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