सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का में हज यात्रा के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। यह रजिस्ट्रेशन राज्य की हज कमेटी करती है। हज बैतुल्लाह के लिए आवेदन करते समय पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, कोरोना वैक्सीन की दो खुराक का सर्टिफिकेट एक ग्रुप लीडर के बैंक खाते का कैंसिल चैक देना होता है। हज जाने के लिए मुस्लिम होना जरूरी है। महिलाओं के शरिया महराम को लेकर भी कुछ नियम हैं। फ्लाइट से जुड़े कुछ नियमों को भी पूरा करना पड़ता है।
हज के मुकद्दस सफर पर प्रदेश से 6 हजार 790 लोग जाएंगे। मु्बई स्थित सेंट्रल हज कमेटी ने रेन्डमाइज डिजिटल प्रक्रिया से कुर्रा का आयोजन किया। चयनित उम्मीदवारों को मैसेज के जरिए सूचना भेजी जा रही है। बताया गया कि प्रदेश से 9147 लोगों ने हजयात्रा के लिए आवेदन किए थे। सेंट्रल हज कमेटी ने हज कोटा तय करने के साथ ही कुर्रा अंदाजी के द्वारा यात्रा पर जाने वालों का चयन किया। यह प्रक्रिया उन प्रदेशों के लिए हुई जहां हज आवेदनों की संख्या तय कोटा से अधिक थी। प्रदेश में नौ हजार से अधिक आवेदनों में से 6790 लोगों का चयन हुआ है। 2397 को वेटिंग लिस्ट में रखा है। चुने गए प्रत्येक हजयात्री को पहली किस्त के रूप में 81 हजार रुपए जमा कराने हैं। सेट्रल हज कमेटी ने इसके लिए अकाउंट नंबर जारी किए हैं। किस्त जमा कराने 15 फरवरी अंतिम तारीख तय की है।
पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष हजयात्रा की उम्मीदवारी करने वालों की संख्या में गिरावट आई है। करीब तीन हजार आवेदन इस बार कम आए हैं। हालांकि हज यात्रा के कोटे में बढ़ोत्तरी हुई है। ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसायटी के मोहम्मद तौफीक ने बताया कि हज यात्रा की प्रक्रिया के दौरान पिछले साल कई जटिलताएं रहीं। जिसमें कई यात्री परेशान हुए। दो इ्बारकेशन पाइंट के बीच 40 से 50 हजार खर्च में अंतर रहा। रियाल एक्सचेंज को लेकर यात्रियों को परेशान होना पड़ा। बिना मेहरम यात्रा पर जाने के लिए 72 महिलाओं का चुनाव हुआ है। बीते कुछ सालों से यह व्यवस्था शुरू हुई थी। इससे पहले किसी संबंधी के साथ ही महिलाओं को यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाती थी।