इसके तहत पिछले आदेश को यथावत रखते हुए पहले से काम कर रहे अतिथि शिक्षकों को प्रति पीरियड 400 रूपए का भुगतान करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, नए आदेश पर अतिथि शिक्षकों को सबसे बड़ा झटका ये होगा कि, उनकी आमदनी में सीधी तौर पर 40 फीसदी की कमी आएगी। एक दिन में अधिकतम 12 सौ रूपए का ही भुगतान हो सकता है। अब अतिथि विद्वानों ने इस व्यवस्था का विरोध करना शुरू कर दिया है। सोसल मीडिया इसे लेकर कई कैंपेन शुरु किये गए हैं।
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नई व्यवस्था से उठी समस्या
अतिथि शिक्षक गोविंद सक्सेना का कहना है कि, पहले विभाग की ओर से अतिथि शिक्षकों को हटाकर नए सिरे से रखना सुनिश्चित था। ऐसे में दस-दस साल से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षक बाहर हो सकते थे। इसका विरोध होने पर विभाग ने पहले जैसी व्यवस्था को यथावत कर दिया। लेकिन, अतिथि शिक्षकों को फिक्स सैलरी देने के फैसले को बदल दिया। अतिथि शिक्षक सुबोध त्रिपाठी का कहना है कि, 400 रूपए वाली व्यवस्था में कई दिक्कतें हैं। जरूरी नहीं कि, अतिथि शिक्षकों को तीन पीरियड ही मिले। इसके अलावा सरकारी अवकाश का भी भुगतान भी नहीं होगा।
नए शिक्षकों को 30 हजार
अतिथि शिक्षकों की माने तो अगर विभाग नए शिक्षक रखेगा तो उन्हें 30 हजार रूपए फिक्स दिए जाएंगे। एक ही विभाग में दो अलग-अलग ढंग से भुगतान किया जाएगा। जबकि सभी की योग्यता समान है। 2018 तक प्रति पीरियड 275 रूपए ही दिए जाते थे, लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव कर बढ़ोतरी करते हुए 400 रुपए किए गए हैं।
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