मध्यप्रदेश सरकार को छत्तीसगढ़ सरकार का यह पत्र तीन दिन पहले ही मिला है। इस पत्र में सरकार को सर्कुलर जारी कर स्थिति स्पष्ट करना पड़ेगी।
मध्यप्रदेश सरकार के साढ़े चार लाख पेंशनर्स को सातवें वेतनमान के मुताबिक 2.57 के फार्मूले के अनुसार पेंशन अभी नहीं दी गई है। इससे पेंशनर्स पहले से ही नाराज चल रहे हैं। हालांकि इन्हें सातवां वेतनमान देने का तो फैसला हो गया है, लेकिन ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने का मसला अटका पड़ा है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने यह पत्र मध्यप्रदेश सरकार को क्यों लिखा है, इसके पीछे बड़ा कारण है। 16 साल पहले 2000 में दोनों राज्यों का विभाजन हो गया था। इसमें 26 प्रतिशत अधिकारी-कर्मचारी छत्तीसगढ़ चले गए थे। तब छत्तीसगढ़ सरकार के आयोग की अनुशंसा भी की गई थी। उस समय तय किया गया था कि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को जब भी कोई वेतनमान देने का मसला हो या पेंशनर की पेंशन दिए जाने का मुद्दा हो, आपसी सहमति जरूर ली जाएगी। अब छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी सहमति दे दी है और ग्रेच्युटी दोगुनी करने की बात कही है। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार अब यह रोना नहीं रो सकती कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सहमति नहीं दी है।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जनवरी 2016 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को 7वां वेतनमान और 10 से बढ़ाकर 20 लाख ग्रेच्युटी देने पर सहमति दी जा चुकी है।
मध्यप्रदेश सरकार के वित्तमंत्री ने स्वीकार किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2.57 फार्मूले के मुताबिक पेंशनर को फायदा दे दिया है। उन्होंने जो सहमति पत्र भेजा है वो भी मिल गया है। परीक्षण करने के बाद कोई फैसला लिया जाएगा। जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत्त होने वाले साढ़े चार लाख कर्मचारियों को ग्रेच्युटी 20 लाख देने का फैसले के बारे में विचार किया जाएगा।
सबसे पहले अपना वर्तमान (6 cpc) मूल वेतन (वेतन बैंड + ग्रेड वेतन) को दर्ज करें और ग्रेड पे के साथ बैंड वेतन का चयन करें। -आपका HRA और ट्रेवलिंग एलाउंस का चयन करें और 7वीं CPC की सिफारिशों के अनुसार शहर का चयन करे लें।
-शहर चयन के बाद कैलकुलेट करने वाले बटन को क्लिक करें। सामने आपका बढ़ा हुआ वेतन होगा। इसमें 7वें CPC का रिवाइज़्ड मूल वेतन, मैट्रिक्स स्तर, सूचकांक स्तर, HRA की संशोधित राशि, ट्रेवलिंग एलाउंस की संशोधित राशि और 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रति माह कुल संशोधित वेतन जान पाएंगे।