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ये राज्य पहले ही लगा चुके हैं ई-सिगरेट पर रोक
हालांकि, मोदी सरकार के इस फैसले से पहले ही देश के आठ राज्यों ने ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिनमें राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, केरल, कर्नाटक, मिजोरम और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। अब केन्द्र सरकार द्वारा इसपर अध्यादेश लाए जाने के बाद सभी केन्द्र शासित राज्यों को इसका पालन करना होगा। प्रदेश के समाज सेवी और स्वास्थ विशेषज्ञ केन्दर सरकार द्वारा लिये गए इस फैसले को देश के युवाओं के हित में सराहनीय कदम बता रहे हैं। समाज सुधारकों का मानना है कि, सरकार का इस ओर चिंतन युवाओं में नशे की लत पर रोक लगाने और उनको गंभीर बीमारियों से बचाने की दिशा में कारगर कदम है।
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युवाओं में ही नहीं स्कूली छात्रों में भी बढ़ा था इसका चलन
राजधानी भोपाल के एक बड़े स्कूल की टीचर ने स्कूल और उनका नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि, वैसे तो शुरुआत में ई-सिगरेट का प्रचार किसी आम सिगरेट से छुटकारा दिलाने में कारगर के नाम से किया गया था, लेकिन बाद में पता लगा कि, युवाओं में इसी की लत लगने लगी और तो और स्कूल में पढ़ने वाले कई छात्र भी ई सिगरेट के नशे के शिकार होने लगे थे। स्कूल में की जाने वाली इंस्टेंट चैकिंग में कई छात्रों के पास ई सिगरेट पकड़ी गई। पकड़ी गई ई-सिगरेट्स में कई का आकार तो किसी पैन की तरह होता है कि, आमतौर पर देखने में मालूम होता है कि, बच्चे के पास पैन रखा है। यही कारण है की कई बार अभिभावकों को भी पता नहीं लग पाता कि, उनका बच्चा किस खतरनाक नशे का शिकार हो गया है। फिलहाल, सरकार का ये फैसलासराहनीय है। अब जब ये नशे की चीज़ बाज़ार में उपलब्ध ही नहीं होगी तो, बच्चों को इसकी लत से छुटकारा मिल सकेगा।
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ई सिगरेट से हैं ये नुकसान
शहर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक और हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि, धूम्रपान की लत छुड़वाने के लिए ई-सिगरेट को विकल्प के रूप में प्रचारित किया गया, लेकिन ऐसा करके युवाओं को सिर्फ भ्रमित किया गया है। उन्होंने कहा कि, हालही में केन्द्र सरकार द्वारा इसपर समिति गठित करके अध्यन भी कराया गया, जिसमें सामने आया कि, ई-सिगरेट का सेवन आमजन के स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, ई-सिगरेट के अधिक सेवन से हृदय और फेफड़ों को काफी तेज़ी से नुकसान पहुंचता है। क्योंकि इसमें अल्ट्राफाइन पार्टिकल, विषैले पदार्थ और पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा काफी अधिक होती है। इसमें ग्लिसरीन होने की वजह से एक्यूट लंग इंजरी होने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। ई-सिगरेट में ग्लाइकोल प्रोपाईलीन, निकोटिन, ग्लिसरॉल आदि पदार्थ पाए जाते हैं, जो दिमाग के लिए बेहद खतरनाक।
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क्या है ई-सिगरेट
ई-सिगरेट एक तरह का यंत्र होता है, जो एक सामान्य सिगरेट जैसा ही दिखाई पड़ता है। इसमें एक बैट्री और एक कारट्रिज होती है। कारट्रिज में निकोटीन युक्त तरल पदार्थ होता है, जो बैट्री की सहायता से गर्म होकर निकोटिन युक्त भाप देता है। इसे सिगरेट के धुंए की तरह लोग पीते हैं। ये एक बैटरी चालित उपकरण है, जो निकोटीन या गैर-निकोटीन के वाष्पीकृत होने वाले घोल की सांस के साथ सेवन की जाने वाली खुराक प्रदान करता है। ये सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे धुम्रपान वाले तंबाकू उत्पादों का एक विकल्प है।