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बताया जाता है कि तय समय पर उन्हें लेने कोई जिम्मेदार राजभवन नहीं पहुंचा तो तैयार होकर बैठे राज्यपाल ने आने से ही इनकार कर दिया। बाद में सवा चार बजे राज्यपाल के कार्यक्रम में पहुंचने पर प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह एवं स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने मंच से उनसे माफी मांगी। राज्यपाल ने इसे संवादहीनता बताकर मामले को खत्म कर दिया।
मंत्री गोविंद सिंह और प्रभुराम चौधरी ने मंच से मांगी माफी
देरी से आने के लिए खेद, लेकिन इसमें मेरी कोई गलती नहीं
रा ज्यपाल लालजी टंडन ने अपने उद्बोधन में समय पर नहीं आ पाने के लिए खेद व्यक्त किया, लेकिन कहा कि इसमें मेरी गलती नहीं थी। हमारे इन मित्रों का भी कोई दोष नहीं। राजभवन को जो कार्यक्रम मिला था, उसके अनुसार मुझे 2.50 पर राजभवन से निकलना था। स्वभाविक तौर पर मैं 2.30 बजे तैयार होकर बैठ गया। तब तक कोई नहीं आया। यहीं से मेरा कार्यक्रम बिगडऩा शुरू हो गया।
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ऐसे में मैंने सोच लिया था कि मेरे जाने का कोई अर्थ नहीं रहता। फिर सोचा इतने शिक्षकों के सम्मान करने का सवाल है। जैसे मुझे गलतफहमी हुई, वैसे ही उन्हें भी गलतफहमी होगी कि वे शिक्षकों के सम्मान में शामिल नहीं हो रहे। आखिर में मैंने कार्यक्रम में आने का निर्णय लिया।
राजभवन से लाने की जिम्मेदारी पीएस की
राज्यपाल लालजी टंडन को प्रोटोकॉल के तहत राजभवन से लाने की जिम्मेदारी स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की थी। कार्यक्रम में मंत्री के समय पर नहीं पहुंचने से प्रमुख सचिव समय पर राजभवन नहीं पहुंच पाईं। इसके चलते राज्यपाल नाराज हो गए। बाद में उन्हें पूरी स्थिति समझाकर मना लिया गया।