प्रदेश के वन आरक्षकों से वसूली करने के आदेश जारी करने के बाद से सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने सेलरी से राशि काटकर अतिरिक्त भुगतान वसूलने के आदेश पर रिव्यू करने का फैसला किया है। वन विभाग ने अपने सभी डिवीजन अधिकारियों से संबंधित कर्मचारियों की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों को 3 दिन में जानकारी देने को कहा गया है।
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गौरतलब है कि वित्त विभाग ने प्रदेश के वन विभाग के वन रक्षकों को दी जानेवाली सेलरी में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा किया था। वित्त विभाग का कहना था कि वन रक्षकों को गलत वेतन बैंड दे दिया गया था। इसके साथ ही वित्त विभाग ने अतिरिक्त राशि की वसूली के लिए नोटिस भी जारी कर दिया।
गौरतलब है कि वित्त विभाग ने प्रदेश के वन विभाग के वन रक्षकों को दी जानेवाली सेलरी में बड़ी गड़बड़ी का खुलासा किया था। वित्त विभाग का कहना था कि वन रक्षकों को गलत वेतन बैंड दे दिया गया था। इसके साथ ही वित्त विभाग ने अतिरिक्त राशि की वसूली के लिए नोटिस भी जारी कर दिया।
वित्त विभाग ने वन विभाग के 6592 कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन दिए जाने की बात कही। इन सभी वन कर्मचारियों से करीब 165 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया था। विभाग की तरफ से जारी आदेश में यह रकम ब्याज समेत वापस लेने की बात कही गई थी। बाद में वन विभाग के ही रेंजरों पर भी रिकवरी निकाली गई। वन रक्षकों और रेंजरों समेत सभी वन कर्मचारियों और उनके संगठनों ने वित्त विभाग की इस कार्रवाई का विरोध किया।