भोपाल. मध्यप्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की फीस से संबंधित मामले पर शिक्षा विभाग सख्त रुख दिखा रहा है. प्राइवेट स्कूलों द्वारा वसूली जा रही फीस की जानकारी नहीं दिए जाने पर अब कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के परिपालन में प्रदेश का शिक्षा विभाग सक्रिय हुआ है.
उच्चतम न्यायालय ने निजी स्कूलों को पिछले तीन शैक्षणिक सत्रों में वसूली गई फीस की मदवार जानकारी देने का आदेश जारी किया है. तीन सितंबर की समय सीमा में 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों ने ये जानकारी नहीं दी तो कोर्ट ने निजी स्कूल संचालकों को छह सप्ताह की और मोहलत दे दी थी.
IMAGE CREDIT: patrika छह सप्ताह की यह समय सीमा भी 19 अक्टूबर को समाप्त होने जा रही है. अब जब 10 दिन से भी कम का समय बचा है तब तक भी मात्र 30 प्रतिशत निजी स्कूल ही ये जानकारी दे सके हैं. ऐसे में निजी स्कूलों की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं. वहीं आदेश का पालन करा रहे अधिकारी भी केवल मौखिक निर्देश देकर पल्ला झाडने में लगे हैं.
बड़े पहलवानों को पछाड़कर वर्ल्ड चेंम्पियनशिप में पहुंच गई खेत में काम करनेवाली शिवानी इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक राजीव तोमर का कहना है कि जिले में बनी समिति को फीस की जानकारी लेने के साथ ही इस पर आनेवाली शिकायतों पर भी सुनवाई करनी है. हमने जिला शिक्षा अधिकारियों से इसका कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं. यदि स्कूलों से जानकारी नहीं दी जाती है तो कड़ी कार्रवाई करेंगे.
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