सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि जिला शीतलहर कार्य योजना तैयार की जाए। जिला, तहसील, ब्लॉक और विभाग स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात हो, जो व्यवस्थाओं पर नजर रखे। इसी के साथ नोडल अधिकारी मौसम केंद्र से प्राप्त चेतावनियों को आमजन तक सुचारू ढंग से पहुंचाने की व्यवस्था करे। जबतक शीतलहर का प्रभाव रहे तबतक बचाव और सावधानियां प्रसारित और प्रकाशित की जाती रहें। वहीं प्रभावित लोगों को आश्रय गृहों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए। अलाव की समुचित व्यवस्था की जाए, स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और कंबल बांटने की व्यवस्था हो। अस्पतालों में शीतलहर प्रभावितों के उपचार हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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आमजन को इन बातों का रखना चाहिए ध्यान
– जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें।
– ठंडी हवा से बचने के लिए लंबी यात्रा करने से बचें।
– अपने शरीर को सुखाकर रखें, खासकर मावठी बारिश में बीगने से बचें।
– किसी कारणवश कपड़े गीले हो जाएं तो जल्द से जल्द उन्हें बदलें। इससे शरीर की उष्मा बनी रहेगी।
– जितना संभव हो नियमित रूप से गर्म पेय का सेवन करें।
– बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें। उन्हें लेयर युक्त गर्म कपड़े पहनाकर रखें।
– शीतदंश के लक्षणों जैसे उंगलियों, पैर की उंगलियों, कानों की लोब और नाक की नोक पर सुन्नता, सफेदी या पीलेपन के प्रति सजग रहें।
– शीतदंश से प्रभावित हिस्से की मालिश न करें। इससे नुकसान की संभावना अधिक रहती है।
– शीतदंश से प्रभावित शरीर के हिस्सों को गुनगुने पानी में डालें।
– कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। क्योंकि ये एक खास शुरुआती संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है।
– कंपकंपी महसूस होने पर तुरंत घर लौटें और गर्म लिहाफ के साथ साथ गर्म कपड़े पहनें।