दरअसल, सीएम डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री-परिषद की बैठक में पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना के अतंर्गत छूटी हुई 16 परियोजनाओं को भी स्वीकृति दे दी गई है। जिसके बाद जल संसाधन विभाग ने हरी झंडी दे दी है। जिसकी लागत 798 करोड़ होगी।
इसके अलावा सरकार की ओर से एमपीकेसी परियोजना के शिवपुरी, सोनपुर और पावा के टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। इसे मेजर माइन बजट योजना के फंड के लिए मर्ज कर दिया है।
11 जिलों 2012 गांवों को फायदा
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के अंतर्गत 11 जिलों के 2012 गांव को फायदा पहुंचेगा। जिसमें गुना के 637, मुरैना के 635, शिवपुरी के 470, भिंड के 440, श्योपुर के 278, उज्जैन के 238, सीहोर के 110, मंदसौर के 147, इंदौर के 75, देवास के 74, आगर मालवा के 73, शाजापुर के 21 और राजगढ़ के 19 गांव शामिल हैं।
एक नजर
– मालवा और चंबल के 11 जिलों के 2012 गांवों को होगा फायदा
– 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में होगी सिंचाई
– 40 लाख लोगों को मिलेगी पेयजल की सुविधा