अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि जिस देश की धरती के ज्ञान पर दुनिया के शोध और अनुसंधान आधारित है उसी देश के विद्यार्थियों को विदेशी भाषा में ज्ञान प्राप्त करना पड़ रहा है। इस स्थिति को बदलने के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। विश्वविद्यालय उद़देश्यों को पूरा करने में सफल हो इसके लिए सभी प्रकार का सहयोग मिलना चाहिए। विश्वविद्यालय अन्य भाषाओं के पुस्तकीय ज्ञान को हिन्दी में उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी ले।
शास्त्रार्थ जैसे कार्यक्रम पुर्नजीवित हों – पाणिनि विश्वविद्यालय की समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी भूमिका को समझकर संस्कृत और संस्कृति के सामंजस्य के साथ उनके प्रसार के प्रयास करे। विश्वविद्यालय शास्त्रार्थ जैसे कार्यक्रम आयोजित करे। बैठक के दौरान कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों के काम-काज का ब्यौरा पेश किया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय अनुदान व्यवस्था को पारदर्शी बनाए जाने की बात भी कही।
रिक्त पदों को भरने के निर्देश – राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए। इस पर उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने कहा कि इसकी प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही नियुक्तियां शुरू होंगीं।
गौरतलब है कि राज्यपाल लगातार विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक कर प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्तर को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। वे प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शोध और नवाचार को बढावा देने पर जोर दे रहे हैं जिससे ये विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें। गौरतलब है कि हाल ही में जारी हुई सूची में प्रदेश के विश्वविद्यालयों की स्थिति ठीक नहीं थी।