मध्यप्रदेश की सरकार अब अपने कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) का विकल्प देने की तैयारी कर रही है। वित्त विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश के 4.50 लाख से अधिक कर्मचारी यूपीआइ के विकल्प का लाभ ले सकेंगे। अभी वे न्यू पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल हैं जो पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की मांग करते रहे हैं।
प्रदेश में अभी नियमित और संविदा पर 9 लाख कर्मचारी हैं। इनमें से 4.50 लाख से अधिक कर्मचारी एनपीएस में शामिल हैं। बाकी की पात्रता ओपीएस की है। केंद्र की घोषणा के बाद राज्य सरकार ने वित्त विभाग के से कहा है ओपीएस, एनपीएस और प्रस्तावित यूपीएस का अध्ययन कर लें। देखें कि यदि कर्मी ओपीएस चुनते हैं तो राज्य पर कितना वित्तीय भार आएगा।
Unified Pension Scheme: महाराष्ट्र के बाद एमपी में लागू होगी पेंशन स्कीम, क्या है योजना, किसे मिलेगा लाभ कई संवर्ग के कर्मचारी UPI के पक्ष में
प्रदेश में कई संवर्ग के कर्मचारी यूपीएस के पक्ष में हैं तो कुछ कर्मचारी अभी भी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग पर कायम है। उधर, संविदा अधिकारी, कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का मानना है कि उक्त योजना में सब स्पष्ट है, जो लागू होनी चाहिए।
राज्य को केंद्र के आदेश का इंतजार
केंद्रीय कैबिनेट ने 26 अगस्त को यूपीएस के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, अभी आदेश जारी नहीं हुए हैं। वित्त विभाग के अधिकारी के मुताबिक जब केंद्र आदेश जारी करेगा तो उसमें पूरी योजना सामने आएगी, उसी अनुरूप कार्रवाई आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। अभी प्रस्तावित योजना को आधार मानकर अध्ययन कर रहे हैं।