आपको बता दें कि, इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में रीवा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि, ‘मेरे किसान भाइयों, 13 जून को राजगढ़ में होने वाले किसान कल्याण महाकुंभ में 2100 करोड़ रुपए की ब्याज की राशि भरकर किसानों को ब्याज मुक्त किया जाएगा। इसी के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की 2900 करोड़ रुपए की राशि अन्नदाताओं के खातों में डाली जाएगी।’
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1 हजार रुपए से अधिक राशि होगी हर खाते में ट्रांसफर
खास बात ये है कि, किसी भी किसान को 1000 से कम बीमा राशि नहीं दी जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार फसल बीमा योजना के अंतर्गत ये प्रावधान कर दिया गया है कि किसानों को एक हजार रुपए से कम की बीमा राशि न दी जाए। अगर किसान का दावा इस राशि से कम बनता है तो अंतर की राशि सरकार अपने स्तर से मिलाकर किसान के खाते में जमा कराए। पिछले साल भी करीब 18 करोड़ रुपए सरकार ने अपनी ओर से किसानों के खाते में ट्रांसफर किए थे।
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आचार संहिता से पहले दूसरी किस्त भी होगी ट्रांसफर
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सितंबर-अक्टूबर में एक बार फिर 2022 की बीमा राशि किसानों के खाते में डाल दी जाएगी। इसके पीछे सरकार की कोशिश है कि, विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले कार्यक्रम करके राशि किसानों के खातों में डाल दी जाए। कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो 2022 में खरीफ और रबी फसलों को अतिवृष्टि या ओलावृष्टि से जो क्षति हुई, उसका आकलन करके बीमा कंपनियों को दावे प्रस्तुत किए जा चुके हैं। उमम्ीद है कि, आगामी दो से तीन महीनों के भीतर परीक्षण प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
इन जिले के किसानों के खाते में आएगी ज्यादा रकम
बताया जा रहा है कि, साल 2021 के फसल बीमा में सर्वाधिक 271 करोड़ रुपए उज्जैन जिले के 5,36,315 किसानों को मिलेंगे। इसके बाद सीहोर के 4,05,150 किसानों को 232 करोड़ रुपए, फिर शाजापुर के 1,94,000 किसानों को 197 करोड़ रुपए, विदिशा के 2,70, 850 किसानों को 196 करोड़ रुपए, नर्मदापुरम के 1,47,178 किसानों को 190 करोड़ रुपए और राजगढ़ के 1,97,200 किसानों को 169 करोड़ रुपए फसल बीमा की राशि दी जाएगी। इसके बाद बची शेष रकम को अन्य जिलों के किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।