बता दें कि मौजूदा समय में नियुक्ति की अधिकतम उम्र सीमा 40 साल है, जिसमें आरक्षित वर्ग को 5 साल अधिक छूट रहती है। इसमें विसंगति ये है कि सीनियर रेजिडेंट पद पर रहने की अधिकतम आयु 45 साल है। ऐसे में एक साल तक सीनियर रेजिडेंट रहने के बाद ही कोई डॉक्टर मेडिकल कॉलेज में सहायक प्राध्यापक बनने योग्य माना जाता है। इसी विसंगति को दूर करने के लिए आयु सीमा में बदलाव कर उसे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इस नियम से नए मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के पद भरना आसान हो जाएंगे।
40 साल आयु सीमा कम
लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जीएडी को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि एमडी-एमएस (स्नातकोत्तर) की पढ़ाई पूरी करने तक डॉक्टर की उम्र करीब 32 साल हो जाती है। इसके बाद वो बांड अवधि भी पूरा करता है। सुपर स्पेशियलिटी में सिलेक्ट होने पर करीब 4 साल और चले जाते हैं। इसके बाद कम से 1 साल सीनियर रेजिडेंट रहने के बाद ही वो सहायक प्राध्यापक बनने का पात्र होता है। ऐसे में 40 साल की उम्र सीमा कम पड़ जाती है। यह भी पढ़ें- Indian Railway Ticket : रक्षाबंधन से 10 दिन पहले ही फुल हो गईं सीटें, जान लें लास्ट ऑप्शन
जीएडी ने जताई थी असहमति
बता दें कि जीएडी ने लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के पूर्व में भेजे गए प्रस्ताव पर यह कहते हुए असहमति जताई थी कि किसी एक विभाग के लिए उम्र सीमा नए सिरे से निर्धारित नहीं की जा सकती। ऐसे में अब विशेष प्रकरण बताते हुए विभाग ने जीएडी को प्रस्ताव भेजा है। यहां से सहमति मिलने पर प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जाएगा।लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग करता है भर्ती
मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के पदों पर सीधी भर्ती लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग करता है। ऐसे में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी आयु सीमा बढ़ने का लाभ मिलेगा। हालांकि, दूसरे राज्य के अभ्यर्थी सिर्फ आरक्षित पदों पर ही भर्ती पा सकते हैं। यह भी पढ़ें- 15 लाख की लूट करने वालों का चेहरा आया सामने, बदमाशों के बारे में बताने वाले को मिलेगा इनाम, नोट करें ये नंबर