मां भवानी मन्दिर समिति द्वारा स्वर्ण सिंहासन की शोभायात्रा 9 अक्टूबर को निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा शाम को निकलेगी। शोभायात्रा सिंधी मार्केट, जनकपुरी, हनुमानगंज, मंगलवारा, ट्रांसपोर्ट एरिया, इतवारा रोड, चिन्तामन चौराहा, सर्राफा चौक, लखेरापुरा होत हुए वापस मंदिर पहुंचेगी। इसी प्रकार नवरात्रि के पहले दिन 10 अक्टूबर को महंत जगदीश दास त्यागी, महंत दुर्गादास, महंत शंकरदास सहित अन्य संत महंतों की उपस्थिति में स्वर्ण सिंहासन की स्थापना की जाएगी। समिति के अध्यक्ष रमेश सैनी और महामंत्री रमेश सिंहल ने बताया कि मन्दिर समिति द्वारा सन् 2007 में 5 किलो सोने के पत्रे से जडि़त कलश की स्थापना हुई। इसके बाद अब तीन किलो सोने से यहां कार्य किया गया है।
बाकी तीनों मन्दिर भी होंगे स्वर्ण जडि़त
मन्दिर समिति के जगदीश जोशी ने बताया कि परिसर में बने राधाकृष्ण मन्दिर, शिवालय और हनुमान मन्दिर को भी स्वर्ण जडि़त बनाया जाएगा, ताकि राजधानी भोपाल में मां कफ्र्यू वाली को स्वर्ण मन्दिर के रूप में भी जाना जा सके। समिति के प्रमोद नेमा बताया कि मंदिर में सभी भगवानों को पहनाए जाने वाले 10 मुकुट सोने के पत्रे से जड़े हुए हैं, इसे गोल्ड कोटिंग भी कहा जाता है। इसमें एक सोने का मुकुट रत्न जडि़त भी है।
भोपाल ञ्च पत्रिका. नवरात्र में इस बार शहर के बिट्टन मार्केट में माता के दरबारों के दर्शन के साथ श्रद्धालु रेतीले रेगिस्तान का भी अनुभव कर पाएंगे। बिट्टन मार्केट में इस बार जैसलमेर के प्रसिद्ध भवानी मंदिर और पाकिस्तान के हिंगलाज मंदिर की झांकी तैयार की जा रही है। यह दोनों ही स्थान रेगिस्तान में है, इसलिए इस झांकी को हुबहू स्वरूप देने के लिए झांकी स्थल पर दस डंपर रेत से रेगिस्तान तैयार किया जाएगा। बिट्टन मार्केट में बनने वाली यह झांकी शहर की सबसे महंगी झांकी होगी। आयोजन समिति के हरि खटिक ने बताया कि यह झांकी 50 लाख रुपए से अधिक की लागत से बनकर तैयार होगी।
डेढ़ लाख की प्रतिमा, ढाई लाख की ड्रेस
इ स झांकी में माताजी डोली में विराजमान रहेंगी, साथ ही ऊंट वाला रथ राजस्थानी के साथ राजस्थानी संस्कृति की झलक दिखाई देगी। इसके लिए मुख्य प्रतिमा डेढ़ लाख रुपए की लागत से तैयार की जा रही है, साथ ही ढाई लाख रुपए की राजस्थानी ड्रेसेस लाई है, रोजाना माता रानी का अलग-अलग डे्रस में शृंगार किया जाएगा। इसके अलावा झांकी में ढाई लाख रुपए की लागत की 31 अन्य प्रतिमाएं भी विराजमान रहेंगी, जिसके दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।