जीएमसी में शुरू हुए इस बवाल को थामने के लिए संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने चिकित्सा शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर बात की। संभागायुक्त ने कॉलेज में सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने को कहा। लेकिन इसके बावजूद चिकित्सा शिक्षक ऑडिटोरियम में इक_े हुए और डीन द्वारा लिखे गए पत्र को तानाशाही पूर्ण बताते हुए चिकित्सा शिक्षकों की आवाज दबाने वाला बताया। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार को तत्काल डीन का प्रभार वापस लेना चाहिए। विवादों के कारण इन्होंने स्वयं इस्तीफा दिया था। चिकित्सा शिक्षा मंत्री के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद उनसे मुलाकात कर प्रभार वापसी की मांग की जाएगी।
इनका कहना है-
इनका कहना है-
डीन का काम प्रशासनिक व्यवस्थाओं का संचालन करना है और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का काम अपने साथियों की आवाज उठाना है। दोनों की अपनी-अपनी भूमिका है। लेकिन साथियों के साथ यदि कुछ गलत होने पर आवाज उठाने वाले हमारे संघ के पदाधिकारियों पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखना तानाशाही का प्रतीक है। इन्हें तत्काल हटाया जाना चाहिए। प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज की इकाईयां संभागायुक्तों को ज्ञापन देंगी जब सरकार नहीं सुनेगी तो मजबूरन आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पडेगा।
डॉ. सुनील अग्रवाल
डॉ. सुनील अग्रवाल
अध्यक्ष, सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन