ये एक तरह की बेल होती है, जिसके पत्ते पान के समान होते हैं। घर की शोभा बढ़ाने वाली ये बेल इतनी गुणकारी होती है, कि इसके गुणो का ज्ञान रखने वालों ने इसे अमृता नाम भी दिया है। आयुर्वेद में गिलोय को किसी भी तरह के बुखार, शारिरिक कमजोरी, पाचन तंत्र, बवासीर, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, आखों की रोशनी, खून की कमी और सौंदर्य लाभ पहुंचाने वाली एक महान औषधि के रूप में माना है। गिलोय का रस पीने से शरीर से कई घातक बीमारिया भी भाग निकलती हैं। गिलोय की पत्तियों में कैल्शियम, प्रोटीन तथा फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। जो वात, कफ और पित्त का नाश करती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें कई तरह के एंटीबायोटिक और एंटीवायरल तत्व भी पाए जाते हैं, जो किसी भी तरह के वायरल से बचाते हैं। एक तरह से गिलोय को इन सभी समस्याओं के निराकरण का वेक्सीन भी कहा जा सकता है।
आसानी से किसी भी जगह मिल जाने वाली इस बेल को आयुर्वेद चिकित्सक गरीबों का डॉक्टर भी कहते हैं। प्राकृतिक रूप से शरीर के लगभग सभी दोषों को संतुलित रखने की क्षमता रखने वाला गिलोय आयुर्वेद के नज़रिये से एक बहुत ही महत्वपूर्ण जडीबूटी है। गिलोय बहुत शीघ्रता से फलने फूलनेवाली बेल होती है। गिलोय की टहनियों को भी औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गिलोय की बेल जीवन शक्ति से भरपूर होती है, क्योंकि इस बेल का यदि एक छोटा-सा टुकडा भी जमीन में डाल दिया गया तो इसमें उतनी क्षमता होती है, कि ये एक बार फिर वहीं से ऊग जाता है। आइये जानते हैं गिलोय से मिलने वाले खास फायदों के बारे में…।
-इम्यूनिटी बढ़ाए
गिलोय में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है गिलोय में एंटीऑक्सीडंट पाया जाता है, जो शरीर को स्वस्थ रखता है। गिलोय हमारे लीवर और किडनी में पाए जाने वाले रासायनिक विषैले पदार्थों को भी नष्ट करके बाहर कर देता है। ये लीवर और मूत्र संक्रमण जैसी समस्याओं से हमारे शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है।
-बुखार कर छूमंतर
गिलोय की वजह से लंबे समय तक चलने वाले बुखार को ठीक होने में काफी लाभ होता है। गिलोय में ज्वर से लड़ने वाले गुण पाए जाते हैं। गिलोय हमारे शरीर में होने वाली जानलेवा बीमारियों के लक्षणों को उत्पन्न होने से रोकने में बहुत ही सहायक होता है। यह हमारे शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाता है, जो किसी भी बुखार से लड़ने में मदद करता है।
डेंगु जैसे ज्वर में भी गिलोय का रस बहुत ही उपयोगी साबित होता है। यदि मलेरिया के इलाज के लिए गिलोय के रस तथा शहद को बराबर मात्रा में मरीज को दिया जाए तो बडी सफलता से मलेरिया का इलाज होने में काफी मदद मिलती है।
-पाचन क्रिया मज़बूत करे
गिलोय की वजह से शारीरिक पाचन क्रिया भी संयमित रहती है। विभिन्न प्रकार की पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में गिलोय बहुत ही प्रचलित है। हमारे पाचनतंत्र को सुनियमित बनाने के लिए यदि एक ग्राम गिलोय के पावडर को थोडे से आंवला पावडर के साथ नियमित रूप से लिया जाए तो काफी फायदा होता है।
-बवासीर का जड़ से इलाज
बवासीर से पीडित मरीज को यदि थोडा सा गिलोय का रस छांछ के साथ मिलाकर देने से मरीज की तकलीफ कम होने लगती है।
-डॉयबिटीज में राहत
अगर आपके शरीर में रक्त में पाए जाने वाली शुगर की मात्रा अधिक है तो गिलोय के रस को नियमित रूप से पीने से यह मात्रा भी कम होने लगती है।
-उच्च रक्तचाप सुधारे
गिलोय हमारे शरीर के रक्तचाप को नियमित करता है।
-अस्थमा का बेजोड़ इलाज
अस्थमा एक प्रकार की अत्यंत ही खतरनाक बीमारी है, जिसकी वजह से मरीज को भिन्न प्रकार की तकलीफों का सामना करना पडता है, जैसे छाती में कसाव आना, सांस लेने में तकलीफ होना, अत्याधिक खांसी होना तथा सांसो का तेज तेज रूप से चलना। कभी कभी ऐसी परिस्थिती को काबू में लाना बहुत मुश्किल हो जाता है।अस्थमा के उपर्युक्त लक्षणों को दूर करने का सबसे आसान उपाय है गिलोय।
-आंखों की रोशनी बढ़ाए
गिलोय हमारी आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। यह हमारी आंखों की दृष्टी को बढाता है, जिसकी वजह से हमे बिना चश्मा पहने भी बेहतर रूप से दिखने लगता है। गिलोय के पत्तों को पानी में उबालकर इसे ठंडा होने पर आंखों की पलकों पर नियमित रूप से लगाने से आखों में होने वाली खुजली, जलन आंख से पानी आना, जैसी कई समस्याओं में राहत मिलती है।
-सौंदर्यता बढ़ाने में कारगार
गिलोय का उपयोग करने से हमारे चेहरे पर से काले धब्बे, कील मुहांसे तथा लकीरें कम होने लगती हैं। चेहरे पर से झुर्रियां कम हो जाती हैं। यह हमारी त्वचा को युवा बनाए रखने में मददगार है। गिलोय से हमारी त्वचा का स्वास्थ्य सौंदर्य बना रहता है। तथा स्किन का ग्लो बढ़े लगता है।
-एनीमिया में राहत
कई लोगों में खून की मात्रा कम होती है। अकसर महिलाओं को यह समस्या ज्यादा होती है। जिससे उन्हें शारीरिक कमजोरी भी महसूस होती है। गिलोय का नियमित इस्तेमाल करने से शरीर में खून की मात्रा बढने लगती है, साथ ही ये खून कीसफाई भी करता है।