कमर्शियल सिलेंडर (19 किलो) के दाम 1266 रुपए हो गया है। वहीं, पांच किलो वाला सिलेंडर 264.50 रुपए मिलेगा। पिछले महीने घरेलू सिलेंडर पर 14.50 रुपए बढ़ाए गए थे। इस बार पांच गुना की वृद्दि की गई है। बीते तीन से लगातार गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि हो रही है। अगस्त में घरेलू सिलेंडर 611.50 रुपए में मिल रहा था।
लगातार तीसरे महीने बढ़े दाम
रसोई गैस के दामों में लगातार तीसरे माह बढ़ोत्तरी हुई है। तीन महीनों में घरेलू गैस सिलेंडर के बाजार भाव में करीब 105 रुपए का इजाफा हुआ है। वहीं कामर्शियल सिलेंडर पर 193 रुपए बढ़े हैं। तीन माह पहले अगस्त में घरेलू सिलेंडर 611.50 रुपए का पड़ रहा था जबकि कॉमर्शियल सिलेंडर 1095 रुपए था।
रसोई गैस के दामों में लगातार तीसरे माह बढ़ोत्तरी हुई है। तीन महीनों में घरेलू गैस सिलेंडर के बाजार भाव में करीब 105 रुपए का इजाफा हुआ है। वहीं कामर्शियल सिलेंडर पर 193 रुपए बढ़े हैं। तीन माह पहले अगस्त में घरेलू सिलेंडर 611.50 रुपए का पड़ रहा था जबकि कॉमर्शियल सिलेंडर 1095 रुपए था।
जनता पर पड़ा महंगाई का भार
हरी सब्जियों की कीमत पहले ही आसमान छू रही थीं। ऊपर से अब गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि से आम जनता पर महंगाई की मार पड़ी है। मध्यप्रदेश में प्याज की कामत 80 से 100 रुपए तक पहुंच गई थी। वहीं, टमाटर के मुकाबले में सेब ज्यादा सस्ते मिल रहे थे।
हरी सब्जियों की कीमत पहले ही आसमान छू रही थीं। ऊपर से अब गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि से आम जनता पर महंगाई की मार पड़ी है। मध्यप्रदेश में प्याज की कामत 80 से 100 रुपए तक पहुंच गई थी। वहीं, टमाटर के मुकाबले में सेब ज्यादा सस्ते मिल रहे थे।
प्रदेश में बिक रहा था सबसे मंहगा पेट्रोल
अक्टूबर में प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा था। ये पहली बार हुआ था जब देश का सबसे मंहगा पेट्रोल-डीजल मध्यप्रदेश में बिक रहा था। केन्द्र सरकार ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर सेस और एक्साइज ड्यूटी में एक-एक रुपए की वृद्धि की थी उसके बाद प्रदेश सरकार ने भी दो रुपए प्रति लीटर ड्यूटी शुल्क बढ़ा दिया था। जनता पर मंहगाई का और बोझ डालते हुए पेट्रोल और डीजल पर अब पांच फीसदी वैट बढ़ा दिया गया था। जिस कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि हो गई थी।
अक्टूबर में प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा था। ये पहली बार हुआ था जब देश का सबसे मंहगा पेट्रोल-डीजल मध्यप्रदेश में बिक रहा था। केन्द्र सरकार ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर सेस और एक्साइज ड्यूटी में एक-एक रुपए की वृद्धि की थी उसके बाद प्रदेश सरकार ने भी दो रुपए प्रति लीटर ड्यूटी शुल्क बढ़ा दिया था। जनता पर मंहगाई का और बोझ डालते हुए पेट्रोल और डीजल पर अब पांच फीसदी वैट बढ़ा दिया गया था। जिस कारण पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि हो गई थी।