दाईं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी
दाई ओर घूमी हुई सूंड वाले गणपति जी हठी होते है। इस प्रकार की मूर्ति को घर या ऑफिस में नहीं रखना चाहिए। इन्हें विराजित करने के लिए कई धार्मिक नियमों का पालन करना होता है । ऐसी मूर्ति को मंदिरों में ही स्थापित किया जाता है वही उनकी पूजा अर्चना की जाती है। पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी होते है। माना जाता है कि इनके दर्शन मात्र से सभी काम पूरे हो जाते है। किसी विशेष कार्य करने से पहले इनका दर्शन करना चाहिए।
बाईं सूंड वाले गणेशजी
ऐसे गणेश जी की मूर्ति जिनकी सूंड बाई ओर मुड़ी होती है । उसे घर के पूजा घर में रखनी होती है। इन प्रतिमा को पूजा के घर में रखन से सुख- शांति व समृद्धि आती है। इन मर्ति की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है। जैसे शिक्षा, धन प्राप्ति, व्यवसाय, उन्नति, संतान सुख, विवाह, सृजन कार्य और पारिवारिक खुशहाली। बायीं ओर घूमे सूंड वाले गणेशजी की स्थापना घर के मुख्य द्धार में करनी चाहिए। ये कई प्रकार की नेगेटिव एनर्जी, सम्स्या . बलाएं को घर में प्रवेश नहीं करने देते है।