मैं नहीं चाहता कि लोग परेशान हों
जिला प्रशासन ने शहीद का अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट में करना तय किया था, लेकिन उनके पिता केपी सिंह ने अधिकारियों को बताया कि यह बहुत दूर पड़ेगा। पार्थिव शरीर ले जाते समय बहुत भीड़ भी होगी, ट्रैफिक जाम होगा। मैं नहीं चाहता कि मेरे बेटे की वजह से लोग परेशान हों। इसलिए समीपस्थ बैरागढ़ के विश्रामघाट में ही अंतिम संस्कार शुक्रवार को सुबह-11 बजे करना तय किया गया।
पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष साबू रीझवानी व महासचिव माधू चांदवानी ने संत हिरदाराम नगर के समस्त व्यापारी बंधुओं से निवेदन किया है कि शहीद के सम्मान में समस्त व्यापारी बंधु दोपहर-1 बजे तक कारोबार बंद रखेंगे।
दोपहर-2:35 बजे- सेना के विमान से शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर भोपाल पहुंचा।
3 बजे- एयरपोर्ट से सनसिटी कॉलोनी के लिए पार्थिव शरीर की यात्रा आरंभ हुई।
3:30 बजे- पार्थिव शरीर सनसिटी कॉलोनी पहुंचा।
4 से 6 बजे तक- सोसायटी में अंतिम दर्शन किए गए।
शाम-6 बजे- आर्मी के वाहन से ही पार्थिव शरीर मिलिट्री हॉस्पिटल के लिए रवाना।
शुक्रवार सुबह-10.30 अंतिम यात्रा मिलिट्री हॉस्पिटल से शुरू होगी, जो बैरागढ़ के विश्रामघाट पहुंचेगी।
कॉलोनी में रहवासियों, उनके गृहनगर देवरिया उप्र और इंदौर में ससुराल पक्ष से आए परिजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान परिजन फफक-फफककर रोने लगे। वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह और सेना के अधिकारी और उनके पड़ोसी सभी को ढांढस बंधाते रहे। पिता अपना हृदय कठोर कर आंसुओं को रोके रहे, लेकिन वरुण सिंह की मां उमा सिंह और उनकी पत्नी की आंखों से आंसू बहते रहे। हालांकि वे अपनी बहू को पूरे समय ढांढस बंधाती रही और कहती रही कि तुम तो वीरांगना हो। जब पार्थिव शरीर को मिलिट्री हॉस्पिटल ले जाया जा रहा था तब माहौल बहुत गमगीन हो गया और सभी ने वरूण सिंह अमर रहे के नारे लगाए।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि देने के बाद कहा कि ग्रुप कैप्टन के शौर्य को कभी देश भुला नहीं सकता और वे प्रदेश और देशवासियों की स्मृति में सदैव जीवित रहेंगे। स्टेट हैंगर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक हुजूर रामेश्वर शर्मा, कलेक्टर अविनाश लवानिया, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर इरशाद वली सहित मिलिट्री और पैरामिलिट्री फोर्स के अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।