सरकारी अस्पताल की तरफ लोगों का भरोसा बढ़ रहा है। मरीज बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए भटकने के बाद हमीदिया अस्पताल पहुंच रहे हैं। एक महिला को निजी अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए गईं थीं। जहां डॉक्टरों ने बताया हाथ काटना पड़ सकता है। वहीं एक महिला को निजी अस्पताल में कहा कि वे कूल्हे की चोट से चल नहीं सकेंगी। मरीजों की हमीदिया अस्पताल में सफल सर्जरी की गई हैं।
आयुष्मान योजना: हमीदिया में हुई सर्जरी, हाथ भी बचाया
पिपरिया की रहने वाली 44 साल की शशि गौर को कंधे के दर्द के साथ सूजन थी। वह इलाज के लिए जबलपुर के निजी अस्पताल में पहुंची, जहां उन्हें तीन दिन भर्ती रहने के बाद कंधे में कैंसर कारक ट््यूमर होने का पता चला। साथ ही इलाज के लिए मुंबई जाने को कहा। इसके बाद वह एम्स भोपाल गईं, लेकिन एक माह में चक्कर लगाने के बाद उनको निराशा हाथ लगी। इसके बाद वे हमीदिया अस्पताल पहुंची। जहां उनका ऑर्थोपेडिक विभाग में इलाज शुरू हुआ। डॉक्टरों ने एक बार फिर जांच के बाद बोन सीमेंङ्क्षटग सर्जरी के लिए भर्ती होने की सलाह दी। मगर पहले से डरी महिला घर लौट गई। एक सप्ताह बाद अस्पताल के डॉक्टर की तरफ से फोन किया। साथ ही समझाया कि उनका हाथ नहीं काटेगा। इसके बाद वह 11 नवंबर को अस्पताल में भर्ती होने आई। सफल इलाज के बाद वह स्वस्थ हैं और उनका हाथ भी बचा लिया।
निजी अस्पताल – लगभग 6 लाख का खर्च
हमीदिया अस्पताल – अयुष्मान योजना के तहत पूरा इलाज हुआ है
सर्जरी करने वाले डॉक्टरों की टीम- डॉ. आशीश गोहिया, डॉ. राहुल वर्मा, डॉ. अनुराग तिवारी व डॉ. मनीश राजपूत
एनेस्थिसिया टीम – डॉ. त्राप्ती वात्स्लया व डॉ. दीपेश गुप्ता व टीम
निजी अस्पताल में बोला – मरीज अब चल नहीं पाएंगी, लेकिन हमीदिया में सर्जरी के दो दिन बाद ही सहारे से चलने लगी
सर्जरी के दूसरे दिन ही वह कुर्सी में बैंठने लगीं
भोपाल की राहत इकबाल घर में गिर गईं। उनके कूल्हे में चोट आई। उन्होंने बताया उन्हें शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां बताया कि वह अब चल नहीं पाएंगी। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर हमीदिया अस्पताल आए। ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टरों से बात करने पर भर्ती कराया। सभी जांच के बाद डॉक्टरों की टीम ने 12 दिसंबर को सर्जरी कर इम्पलांट लगाया। सर्जरी के दूसरे दिन ही वह कुर्सी में बैंठने लगीं। साथ ही तीसरे दिन वॉकर की मदद से चलने भी लगी हैं।
निजी अस्पताल – 4 लाख
हमीदिया अस्पताल – 30 हजार (इंप्लांट की कीमत)
सर्जरी करने वाली टीम – डॉ. सुनीत टंडन, डॉ. राहुल वर्मा, डॉ. अनुराग तिवारी व डॉ. मनीश राजपूत
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दोनों ही मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। दोनों की सफल सर्जरी में सभी डॉक्टरों ने अहम भूमिका निभाई है। मरीज के इलाज की आधुनिक तकनीक के साथ नए भवन में मरीजों को बेहतर व्यवास्थाएं मिल रहीं हैं।
डॉ. सुनीत टंडन, एचओडी, ऑर्थोपेडिक वि. हमीदिया अस्पताल