भोपाल

कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं खेल रहा मौत का खेल, कोई ट्रेंन से कटा, कोई 14वीं मंजिल से कूदा

Free Fire Death Task : ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर'(Free Fire Death) की लत ने 16 वर्षीय छात्र की जान ले ली। छोला मंदिर थाना क्षेत्र में 11वीं का छात्र शुक्रवार रात 9.30 बजे ट्रेन की चपेट में आ गया। उसकी मौत हो गई।

भोपालJan 19, 2025 / 12:03 pm

Avantika Pandey

Free Fire Death

Free Fire Death : आपको ब्लू व्हेल गेम याद होगा… इसमें टास्क के जरिए खिलाड़ी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जाता था। 2017 से यह गेम देश में प्रतिबंधित है। लेकिन ऐसा ही एक और गेम सामने आया है। भोपाल में ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर'(Free Fire Death) की लत ने 16 वर्षीय छात्र की जान ले ली। छोला मंदिर थाना क्षेत्र में 11वीं का छात्र शुक्रवार रात 9.30 बजे ट्रेन की चपेट में आ गया। उसकी मौत हो गई। छात्र के मामा का कहना है, हादसा ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ में किसी टास्क को पूरा करने के प्रयास में हुआ है।
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छात्र पढ़ाई में होशियार था। 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की थी। कुछ माह से वह मोबाइल पर ज्यादा ऑनलाइन गेम(Free Fire Death) खेल रहा था। टीआइ सुरेश नागर ने बताया, छात्र का मोबाइल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। उनका कहना है, ऑनलाइन गेमिंग में टास्क के पूरा करने के चलते मौत हुई या नहीं, यह फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही साफ हागी। अभी कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है।

घर में कोई नहीं था, छात्र ट्रैक पर कैसे पहुंचा?

घटना के समय घर में छात्र अकेला था। उसकी मां और बहन विविशा में रिश्तेदार के घर गए हुए थे। पिता काम के लिए गए थे। घर में अकेला रहने के बावजूद ऐसा क्या हुआ कि वह रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया, कैसे? पुलिस इस सवाल का जवाब ढूंढ़ रही है।
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मामा बोले- लत थी, कई बार कहा मत खेलो, नहीं माना

छात्र के मामा मनोज शर्मा ने बताया, रात को मेरे पास फोन आया कि की लाश रेलवे ट्रैक पर है। वह फ्री फायर गेम खेलता था। संभव है, इसी वजह से उसने यह कदम उठाया। परिवार में सब उसे बहुत प्यार करते थे। कभी कोई दबाव नहीं देते थे। गेम छोड़ने के लिए कई बार कहा, पर उसने नहीं छोड़ा। अभी तो हमें उसकी मौत की वजह फ्री फायर गेम ही लग रहा है।
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ऑनलाइन गेमिंग बना रही मनोरोगी

जेपी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राजेंद्र बैरागी के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग(Online Game) में बच्चों के दिमाग में डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होते हैं। यह उन्हें अच्छा अहसास कराते हैं। इससे वे लती हो जाते हैं। धीरे-धीरे लत बढ़ती है। यदि उन्हें समय पर इंटरनेट या मोबाइल न मिले तो चिड़चिड़े हो जाते हैं। जब उनकी इच्छा पूरी नहीं होती तो वे अग्रेसिव हो जाते हैं। यही स्थिति गंभीर मानसिक बीमारी का रूप ले सकते हैं।

क्या है फ्री फायर

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फ्री फायर ऑनलाइन लाइव बैटलग्राउंड गेम है। इसमें गेमर्स को गन दी जाती है। ग्राफिक्स व साउंड में सब इतना रियल लगता है कि खेलने वाले को लगता है वह खुद गन से फायर कर रहा है। गन से टारगेट को मारकर टास्क(Free Fire Death Task) पूरा करना होता है। एक टास्क पूरा होते ही दूसरा मिलता है। टीम के कई खिलाड़ी टास्क पूरा करते हैं।

ऐसे टास्क…

पहला टास्कः गेमर्स को फ्री फायर मैक्स में टीम के साथ 10 मैच खेलने होते हैं। उन्हें फोनिक्स नाइट बंडल फ्री मिलता है। टास्क पूरा करने पर 400 बीपी ईएक्सपी मिलता है।

दूसरा टास्कः यदि 300 घंटे गेमर्स खेलते हैं तो लेग पॉकेट मिलता है। इसे गेमर्स टांग पर बांध सकते हैं।

तीसरा टास्कः क्लेश मोड में 20 मैच खेलने पर आर्मर केट मिलता है।

चौथा टास्कः लक रॉयल सेक्शन में 30 बार स्पिन करने पर दो पॉकेट मार्केट कार्ड मिलता है इसका इस्तेमाल मैच की शुरुआत में होता है।

पहले भी गईं कई जान

18 जून 2024: इंदौर में ऑनलाइन गेम में टास्क(Free Fire Death Task) पूरा करने 7वीं की छात्रा 14वीं मंजिल से कूद गई थी।

17 फरवरी 2024: विदिशा में बीटेक छात्र ने गेम में 7 लाख रुपए गंवाए, कर्ज में डूबा तो की आत्महत्या।
जनवरी 2022: भोपाल में बजरिया के 5वीं के छात्र सूर्याश ने फी फायर गेम की वजह से फंदा लगाकर आत्महत्या की थी। उसने पहले मां को बताया था कि फंदा कैसे लगाते हैं।

सितंबर 2022: रातीबड में 19 साल के मनोज वानखेड़े ने ऑनलाइन गेम के कारण आत्महत्या की।

ऐसा करेंगे तो मोबाइल से दूर रहेंगे बच्चे

-बचपन से ही बच्चों से दोस्ताना व्यवहार रखें।
-हर वक्त उन्हें न डांटें, प्यार से समझाने की कोशिश करें।
-बच्चों को अहम हिस्सा बनाएं ताकि वे अकेला न महसूस करें।
-पैरेंट्स खुद भी दिनभर मोबाइल में व्यस्त न रहें।

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