भोपाल

फर्जी वोटर आईडी से पूर्व सीएस की बेटियों की ढाई करोड़ की जमीन का कर दिया सौदा

बिलखिरिया पुलिस ने दर्ज किया मामला

भोपालNov 06, 2019 / 02:10 am

Sumeet Pandey

फर्जी वोटर आईडी से पूर्व सीएस की बेटियों की ढाई करोड़ की जमीन का कर दिया सौदा

भोपाल. जालसाज महिलाओं ने पूर्व सीएस आरसी नरोन्हा की बेटियों की फर्जी वोटर आईडी तैयार कर उनकी ढाई करोड़ रुपए कीमती जमीन का सौदा कर दिया। जालसाज महिलाओं से अनुबंध करने वाले प्रापर्टी डीलर ने जब जाहिर सूचना प्रकाशित कराई, तब गड़बड़झाले का खुलासा हुआ। बिलखिरिया पुलिस ने दो अज्ञात महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस के मुताबिक, हथाईखेड़ा बिलखिरिया निवासी 60 वर्षीय अंजली नरोन्हा पूर्व सीएस आरसी नरोन्हा की बेटी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी छोटी बहन जेब्रियन दुबे शारजाह में रहती हैं। दोनों बहनों के संयुक्त खाते में सेंट मोनफोर्ट स्कूल के सामने करीब डेढ़ एकड़ जमीन है। सितंबर में दो अज्ञात महिलाओं ने दोनों बहनों के नाम का फर्जी वोटर आईडी तैयार किया। इसके बाद मोहली गांव में रहने वाले प्रापर्टी डीलर लोकेश साहू से उक्त जमीन का ढाई करोड़ में सौदा लिया। अज्ञात महिलाओं ने खुद को अंजली व जेब्रियन बताया था। जमीन खरीदने और रकम देने से पहले प्रापर्टी डीलर ने अपने वकील के माध्यम से जमीन के संबंध में जाहिर सूचना प्रकाशित कराई। सूचना पढऩे के बाद अंजली ने इसकी पुलिस से शिकायत की। जांच के बाद पुलिस ने अज्ञात दो महिलाओं के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस को शुरूआती जांच में पता चला कि जमीन मालिक बहनों के नाम से तैयार हुए फर्जी वोटर आईडी पर किसी दूसरी महिलाओं के फोटो हैं।
12वीं फेल जालसाज ने प्लेसमेंट एजेंसी खोलकर इंदौर के व्यापारी को ठगा
इधर, एमपी नगर इलाके में बारहवीं फेल युवक ने प्लेसमेंट एजेंसी खोलकर इंदौर के व्यापारी से पांच लाख रुपए ठग लिए। आरोपी ने पीडि़त को एक नई एजेंसी खोलने का झांसा देकर ठगी की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को आशंका कि आरोपी ने इसतरह से अन्य लोगों को भी ठगा होगा। पुलिस के मुताबिक, एमपीनगर जोन-1 में मानस परिसर निवासी 19 वर्षीय मंजीत पाल्य एमके प्लेसमेंट नाम से कंसलटेंसी एजेंसी चला रहा था। वह 12वीं फेल है। पुलिस का कहना कि वह कई लोगों को नौकरी लगवा रहा था। उसके बदले में वह दस से बीस फीसदी कमीशन लेता था। जनवरी 2018 में उसकी मुलाकात इंदौर के अंकित रावत से हुई। वह इंदौर में एक कंसलटेंसी में नौकरी कर रहा था। दोनों की बातचीत के दौरान भोपाल में एक नई कंसलटेंसी कंपनी साझेदारी में खोलने का समझौता हुआ। अनुबंध के तहत अंकित ने मंजीत को पांच लाख रुपए भी दे दिए। इसके बाद कंसलटेंसी कंपनी नहीं खुली। रकम वापस मांगने पर मंजीत ने इनकार कर दिया। अंकित ने मंजीत के खिलाफ एमपी नगर थाने में आवेदन दिया। जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। एएसआई संजय सिसोदिया ने बताया कि आरोपी गुमाश्ता लाइसेंस बनाकर कंपनी चला रहा था। उसके पास उसके अलावा कुछ नहीं मिला है। उसे हिरासत में ले लिया है।

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