पार्टी और एजेंसियों को पता है
भूपेंद्र ने कहा, उसकी नियुक्ति 2016 में हुई थी। मैं जरूरत तब परिवहन मंत्री था, लेकिन नियुक्ति में परिवहन मंत्री नहीं परिवहन कमिश्नर का रोल होता है। न तो मैंने कोई अनुशंसा की, न ही किसी को कोई पत्र लिखा। कहीं कुछ मुझसे जुड़ा किसी ने देखा हो तो उसे सामने लाए। मामले का सरगना कौन है, सबको पता है। सत्यता सबके सामने जरूर आएगी। किसी का नाम नहीं ले रहा हूं, लेकिन कौन सरगना है उसे पार्टी जानती है और जांच एजेंसियां भी।पार्टी फोरम पर होगी बात
पत्रिका से बातचीत में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि ऐसे लोग तो रोज बयान देते हैं। मैं ऐसे बयानवीरों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। पार्टी का प्रदेश नेतृत्व और शीर्ष नेतृत्व सब देख रहा है। अपनी बात पार्टी फोरम पर रखूंगा।शिकायतकर्ता ने कहा वो सौरभ से कभी मिला ही नहीं
ईओडब्ल्यू में सौरभ की शिकायत करने वाला व्यक्ति सोमवार को आयकर विभाग पहुंचा। उसने आयकर महानिदेशक (अन्वेषण) को सोशल मीडिया में चल रही खबरों को लेकर सफाई दी। दावा किया कि वह सौरभ से कभी भी नहीं मिला। केवल नाम सुना था। कुछ लोग मुझे जबरन बदनाम कर रहे हैं। मेरा सौरभ से कोई लेना-देना नहीं। उसने विभाग से ही गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे बारे में गलत खबरें फैलाई जा रही हैं। दरअसल, शिकायतकर्ता ने सौरभ शर्मा पर कई आरोप लगाए थे। इसके बाद ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त ने सौरभ के ठिकानों पर जांच की थी।
ये भी पढ़ें: बड़ी खबर: दुबई से भारत लौट रहा पूर्व RTO आरक्षक सौरभ शर्मा कर सकता है सरेंडर ये भी पढ़ें: उमा भारती से मिलकर सीएम मोहन यादव ने किया एमपी में शराबबंदी पर ऐलान, नई शराब नीति में नये प्रावधान