राजा के गढ़ में महाराजा ने मारी सेंध
पूर्व विधायक प्रताप मंडलोई की पहचान एक वक्त दिग्विजय सिंह के करीबी के तौर होती थी। साल 1998 में प्रताप मंडलोई कांग्रेस की टिकिट पर राजगढ़ से विधायक बने थे। विधायक बनने के बाद मंडलोई दिग्विजय सिंह के सबसे करीबी विधायक बन गए थे। लेकिन साल 2003 के चुनाव में कांग्रेस की तरफ से उन्हें टिकिट नहीं दिया गया। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी जब कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो वो बागी होकर निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में उतर गए थे और करीब 35 हजार वोट हासिल किए थे। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आकर मंडलोई के बीजेपी में शामिल होने से इस तरह की चर्चाएं हैं कि सिंधिया ने दिग्विजय के इलाके में सेंधमारी करनी शुरु कर दी है।
विधायक बनने के बाद गाड़ी पर लिखवाया था राजा के प्रताप
प्रताप मंडलोई के दिग्विजय सिंह के करीबी रिश्ते को इस बात से आसानी से समझा जा सकता है कि विधायक का चुनाव जीतने के बाद प्रताप सिंह ने अपनी गाड़ी पर राजा का प्रताप लिखवा लिया था और तब उनका ये स्लोगन न केवल राजगढ़ जिले बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में काफी फेमस हुआ था।
वीडियो में देखिए पति पत्नी और वो का हाईवोल्टेज ड्रामा, पत्नी ने ली एसआई पति की रिमांड