भोपाल। मध्यप्रदेश को हाल ही में दूसरी महिला राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मिली है, लेकिन मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल थीं सरला ग्रेवाल, जिन्हें उनके कड़क शासन और उनकी ओर से चलाए गए अभियान की वजह से आज भी याद किया जाता है।
राजधानी की धरोहरों को साफ-सुथरा रखने और तालाबों को संरक्षित करने का उनका अभियान रंग लाया और वो पुरे प्रदेश में जल संरक्षण का भी अभियान छिड़ गया। सरोवर हमारी धरोहर नाम से चलाई गई मुहिम को लोग आज भी नहीं भूले हैं।
mp.patrika.com बता रहा है मध्यप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल के बारे में, जिनका 4 अक्टूबर को जन्म दिवस है। वे 31 मार्च 1989 से 6 फरवरी 1990 तक प्रदेश की राज्यपाल रहीं। सरला ग्रेवाल का जन्म 4 अक्टूबर 1927 को चंडीगढ़ में हुआ था।
पहली महिला राज्यपाल सरला ग्रेवाल
1. भारतीय प्रशासनिक सेवा में भारत की दूसरी महिला अधिकारी थीं।
2. सरला ग्रेवाल 1956 में शिमला की डिप्टी कमिश्नर बनाई गई थीं। वे देश में इस पद पर दायित्व निभाने वाली पहली महिला अधिकारी थीं।
3. 1962 में शिक्षा संचालक बनने वाली पहली IAS अधिकारी भी थी। 4. 1963 में पंजाब में स्वास्थ्य विभाग की सचिव नियुक्त हुई थीं। विकास आयुक्त के रूप में 1971 से 1974 तक काम किया था।
5. मध्य प्रदेश के राज्यपाल पद पर 31 मार्च 1989 से 5 फ़रवरी 1990 तक कार्य किया। 6. आनर्स में स्नातक की उपाधि के बाद दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर में पंजाब विश्वविद्यालय की टॉपर थीं।
अन्ना थी पहली IAS और किरण थी पहली IPS
जब देश में नया कानून लागू हुआ और महिलाओं को भी IAS और IPS में शामिल होने के लिए पात्र घोषित किया गया तो सबसे पहली महिला IAS अफसर बनने वाली अन्ना राजम मल्होत्रा थीं। एर्नाकुलम में जन्मी अन्ना 1951 बैच की महाराष्ट्र से अधिकारी थीं। इसी तरह 1972 में किरण बेदी देश की पहली IPS अधिकारी बनीं।
जब देश में नया कानून लागू हुआ और महिलाओं को भी IAS और IPS में शामिल होने के लिए पात्र घोषित किया गया तो सबसे पहली महिला IAS अफसर बनने वाली अन्ना राजम मल्होत्रा थीं। एर्नाकुलम में जन्मी अन्ना 1951 बैच की महाराष्ट्र से अधिकारी थीं। इसी तरह 1972 में किरण बेदी देश की पहली IPS अधिकारी बनीं।
यह भी है खास
1. 10 अगस्त 1981 को वे समाज कल्याण मंत्रालय की सचिव बनीं।
2. ग्रेवाल ने अक्टूबर 1981 में न्यूयार्क में यूनीसेफ़ एक्जीक्यूटिव बोर्ड के विशेष सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे 1982-1983 सत्र में यूनीसेफ़ एक्जीक्यूटिव बोर्ड की कार्यक्रम समिति की अध्यक्ष चुनी गईं थीं।
3. सरला महिला साक्षरता कार्यक्रम में उनकी भूमिका आज भी याद की जाती है। वे यूनेस्को की शिक्षा सलाहकार समिति में व्यक्तिगत हैसियत से प्रतिनिधि चुनी गई थीं। 4. 25 सितम्बर 1985 को सरला ग्रेवाल प्रधानमंत्री की सचिव नियुक्त बनीं। इसके बाद वे मध्य प्रदेश की राज्यपाल बनाई गईं।
5. ग्रेवाल ने 29 जनवरी 2002 को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली थी।
5. ग्रेवाल ने 29 जनवरी 2002 को चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली थी।
यह भी हैं MP की प्रथम महिला
– प्रथम महिला मुख्यमंत्री उमा भारती
– प्रथम महिला न्यायाधीश सरोजिनी सक्सेना
– प्रथम महिला मुख्य सचिव निर्मला बुच
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