शिवराज ने कहा- यह मध्यप्रदेश का पुरस्कार
एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड्स फ़ॉर इनोवेशन इन गुड गवर्नेंस’ सम्मान मिलने के बाद उन्होंने कहा- लिए उपराष्ट्रपति और विभाग के प्रति हृदय से आभार। यह पुरस्कार मेरा नहीं, मध्यप्रदेश की उन बहनों का है, जिनके सुझाव पर मैं ऐसी योजनाएं बना सका। सबके प्रति आदर व सम्मान व्यक्त करता हूं। महिला कल्याण के लिए योजना बनानी थी, तो उनकी पंचायत बुलाई। महिला सरपंच, मंत्री से लेकर मजदूर बहन तक सबको बुलाया। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लाडली लक्ष्मी जैसी योजना ऐसी ही पंचायत से आई, जिसे बाद में देश के लगभग हर राज्य ने किसी न किसी रूप में अपनाया।
एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड्स फ़ॉर इनोवेशन इन गुड गवर्नेंस’ सम्मान मिलने के बाद उन्होंने कहा- लिए उपराष्ट्रपति और विभाग के प्रति हृदय से आभार। यह पुरस्कार मेरा नहीं, मध्यप्रदेश की उन बहनों का है, जिनके सुझाव पर मैं ऐसी योजनाएं बना सका। सबके प्रति आदर व सम्मान व्यक्त करता हूं। महिला कल्याण के लिए योजना बनानी थी, तो उनकी पंचायत बुलाई। महिला सरपंच, मंत्री से लेकर मजदूर बहन तक सबको बुलाया। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लाडली लक्ष्मी जैसी योजना ऐसी ही पंचायत से आई, जिसे बाद में देश के लगभग हर राज्य ने किसी न किसी रूप में अपनाया।
40 हजार पंचायतें बुलाई
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैंने ऐसी एक नहीं, लगभग 40 हजार पंचायतें बुलाई और उसमें से ऐसी एक नहीं, अनेक योजनाएं निकलीं। ऐसी पंचायतों से समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए उपयोगी योजनाएं बनाने में काफी सहायता मिली जिस कारण से में यह काम कर पाया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैंने ऐसी एक नहीं, लगभग 40 हजार पंचायतें बुलाई और उसमें से ऐसी एक नहीं, अनेक योजनाएं निकलीं। ऐसी पंचायतों से समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए उपयोगी योजनाएं बनाने में काफी सहायता मिली जिस कारण से में यह काम कर पाया।
क्यों मिला सम्मान
शिवराज सिंह को ये सम्मान उनके कार्यकाल में किए गए विभिन्न कामों को लिए दिया गया है। जैसे कि सीएम हेल्पलाइन नंबर, लोक सेवा गारंटी और समय-समय पर पंचायतों का आयोजन करके लोगों की समस्या का निवारण करना शामिल है। इसके ही साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की स्थापना, समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम की स्थापना जैसी कई योजनाएं उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू की थी।