इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कृषि कार्य में कोर एरिया क्षेत्र से लगी भूमि पर कोई लाभ नहीं हो रहा है। ऐसे में स्थानीय नागरिक उस भूमि का व्यवसाय में उपयोग करना चाहते हैं। लेकिन किसानों को वन विभाग व्यवसाय की अनुमति नहीं दे रहा है। अनुमति नहीं मिलने के चलते स्थानीय जनमानस में आक्रोश पैदा हो रहा है।
विधायक पाठक के इस सवाल के जवाब में वन मंत्री विजय शाह ने कोर्ट का हवाला देते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगाने की बात कही। जिस पर विधायक पाठक के साथ अन्य विधायकों ने भी विधानसभा अध्यक्ष के जरिए रोक को हटाने की मांग की।
एक कमरा भी नही बना पा रहे है किसान
विधायक पाठक का इस अवसर पर कहना था कि कोर एरिया के आसपास रह रहे किसान एक भी कवर नहीं बना पा रहे हैं। ऐसेे में वन विभाग के आदेश के चलते एक ही कमरे में किसानों का परिवार गुजारा करने को विवश है। यहां वर्षो से खेती करके अपना जीवन यापन करने वाले किसान अपने बच्चे के लिए एक कमरे का तक निर्माण नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने वनमंत्री से अनुरोध किया कि वे सलाहकार समिति को निरस्त करने की सदन में घोषणा करें। विधायक पाठक की ओर से ये भी कहा गया कि वहां बाहर से आकर लोग तो व्यवसाय कर रहे हैं , लेकिन स्थानीय लोग अपने निजी रूम पर से भी वहां व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने प्रश्न करते हुए कहा कि ऐसे में किसानों के बेरोजगार बच्चे कहां जाएंगे, वहीं इससे उनमें निराशा और रोष उत्पन्न हुआ होगा। विधायक ने इस दौरान कहा कि निजी भूमि के बावजूद अगर इन्हें अपनी भूमि पर रोजगार करने नहीं दिया जाएगा तो जनमानस में नाराजगी व्याप्त हो जाएगी।
ओलावृष्टि पर प्रदेश सरकार गंभीर
विधायक संजय पाठक की ओर से इस अवसर पर ये भी कहा गया कि प्रदेश में हुए ओलावृष्टि पर प्रदेश सरकार गंभीर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के नुकसान का सर्वे 25 मार्च तक पूरा करने का निर्देश भी दिया है। बारिश और ओलावृष्टि के कारण जो भी नुकसान हुआ है सरकार सर्वे के बाद उसकी भरपाई भी करेंगी। कांग्रेस किसानों के बारे में न सोचे, प्रदेश सरकार गंभीरता से किसानों के लिए कार्य कर रही है। विधायक पाठक ने कहा ओलावृष्टि का सर्वे शुरू हो गया है। रिपोर्ट आने के बाद मुआवजे की रकम किसानों को प्रदान की जाएगी।