राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल में 3 लाख 83 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बैराज के 16 गेटों को पूरी क्षमता के साथ खोलकर चंबल नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। छोड़े गए पानी से मुरैना सहित अन्य जिलों के करीब 250 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मुरैना में तो जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट भी जारी कर दिया है। चंबल के इस पानी से मुरैना के साथ ही श्योपुर व भिंड जिले में भी चंबल के खतरे के निशान को पार करने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में पुलिस थानों, ग्राम पंचायतों से लेकर पटवारी और एसडीएम तक के अमले को निगरानी के लिए मुस्तैद किया गया है. बैराज का पानी 24 से 30 घंटे में मुरैना पहुंचता है। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद बारिश कम होने पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
उधर बान सुजारा बांध से भी पानी छोड़ा गया जिसके बाद धसान नदी उफान पर आ गई है। इसके कारण टीकमगढ़ जिले का छतरपुर और सागर से सड़क संपर्क टूट गया है। सागर मार्ग पर बड़ागांव पुल पर 3 फीट पानी आ गया है। छतरपुर मार्ग में परबधा पुल पर 2 फीट पानी आ गया है। प्रशासन ने बैरिकेड लगाने के साथ ही आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। इधर श्योपुर जिले में पार्वती नदी भी उफान पर है। इसके कारण यहां का सुंडी गांव टापू में तब्दील हो चुका है। पार्वती नदी के बीच टापू बने सूंडी गांव में विधायक बाबू जंडेल सिंह मोटरबोट में सवार होकर पहुंचे। विधायक ने ग्रामीणों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव मदद करने का भी आश्वासन दिया।