भोपाल

जिंदगी जीने का तरीका बताता था, खुद कायरों की तरह हार गया जिंदगी

लोगों को सेहत का मंत्र देने वाले राजस्थान के फिटनेस इंफ्लूएंसर दुर्गजीत सिंह आर्य ने भोपाल में फांसी लगाकर जान दे दी है। सोशल मीडिया पर लिखा- कायर की तरह जीने से मरना अच्‍छा। एक्सपर्ट्स बोले- ये खुद कायरतापूर्ण संदेश है।

भोपालMar 20, 2024 / 11:35 am

Faiz

जिंदगी जीने का तरीका बताता था, खुद कायरों की तरह हार गया जिंदगी

लोगों को सेहत का मंत्र देने वाले राजस्थान के बाड़मेर में रहने वाले फिटनेस इंफ्लूएंसर 21 वर्षीय दुर्गजीत सिंह आर्य ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में फांसी लगाकर जान दे दी है। सोशल मीडिया पर लिखा- कायर की तरह जीने से मरना अच्‍छा है। हालांकि, मनोचिकित्सकों के इस तरह आत्महत्या करने को कायरतापूर्ण कार्य मानते हैं। साथ ही, आत्महत्या से पहले सोशल मीडिया पर दिए गए संदेश को भी एक्सपर्ट्स कायरतापूर्ण संदेश बता रहे हैं।


आपको बता दें कि आत्महत्या करने वाला छात्र बाड़मेर से भोपाल पेपर देने आया था। वो मध्य प्रदेश के अमरकंटक में पढ़ाई कर रहा था। मामले की जांच में जुटी कोलार पुलिस का कहना है कि दुर्गजीत सिंह आर्य का रविवार को प्रतियोगी परीक्षा का पेपर था। इसलिए वो 14 मार्च को भोपाल आया था। इसके बाद 15 मार्च को भोपाल में रहने वाला उसका दोस्त दुर्गजीत को अपने कमरे की चाबी देकर होली मनाने अपने चला गया था। इसके बाद 17 मार्च को उसने परीक्षा दी। इस दौरान वो कमरे में अकेला था। जब लंबे समय वो कमरे से बाहर नहीं निकला तो मकान मालिक उसे देखने गए। काफी देर दरबाजा खटखटाने पर जब अंदर से कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने खिंड़की से अंदर झांका तो वो हैरान रह गए। कमरे में दुर्गजीत की लाश फांसी पर लटकी थी।

 

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मकान मालिक ने तत्काल ही इसकी सूचना कोलार पुलिस की दी। जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीदिया अस्पताल पहुंचाया। यही नहीं, यहां पुलिस ने मृतक के दोस्तों और परिजन को भी सूचना दे दी। फिलहाल, बुधवार को मृतक का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार के लिए शव परिजन को सौंप दिया गया है।

 

 

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फिलहाल, दुर्गजीत द्वारा की गई आत्महत्या के कारणों का तो पता नहीं चल सका है। पुलिस इसकी जांच में जुटी है। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि एनसीसी कैडेट रह चुका दुर्गजीत अपनी सेहत को लेकर काफी अवेयर था। वो सोशल मीडिया के जरिए फिटनेस इंफ्लूएंसर के तौर पर भी काफी फेमस था। यानी लोगों को सेहत का मंत्र देने वाला दुर्गजीत खुद आत्महत्या करके लोगों को इस तरह कायरतापूर्ण संदेश कैसे दे सकता है।

 

 

आत्महत्या करने से पहले दुर्गजीत ने अपने इंस्‍टा बायो में लिखा- कायर भांडा मरना रामरू। इसका मतलब ये हुआ कि ‘कायर की तरह जीने से मरना अच्‍छा है।’ हालांकि, छात्र के इस आखिरी संदेश पर मनोचिकित्सकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि ये तो जांच का विषय है कि छात्र ने खुदकुशी क्यों की, लेकिन आत्महत्या करना ही सबसे बड़ी कायरता है। उन्होंने संदेश देते हुए ये भी कहा कि अगर जीवन में कोई चुनौती या समस्या हो तो तुरंत ही अपने किसी सबसे विषेश को उस संबंध में बताना चाहिए। उससे चर्चा कर अच्छी सलाह लेनी चाहिए। साथ ही उन विपरीत परिस्थितियों से निपटने के विकल्प तलाशने चाहिए।

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