एमपी में पहली बार कुर्सी पर बैठाकर डिलीवरी, GMC के डॉक्टरों ने सीखा प्रसव का नया तरीका
Normal Delivery On Chair: मध्यप्रदेश में 60% प्रसव सर्जरी से, अब महाराष्ट्र के एक्सपर्ट्स ने बताया -इस तकनीक से कम होती है प्रसव पीड़ा, इससे बढ़ेंगे सामान्य प्रसव के मामले…
भोेपाल का गांधी मेडिकल कॉलेज, जहां पहली बार कुर्सी पर बैठाकर कराई गई डिलीवरी।
Normal Delivery On Chair First Time In MP: मध्यप्रदेश में सर्जरी से होने वाले प्रसव की संख्या 60 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें राजधानी भोपाल में ही 30 से 35 फीसदी प्रसव सर्जरी से कराए जा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह आंकड़ा 10-15 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
इसे देखते हुए सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग में ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स की कार्यशाला हुई। महाराष्ट्र से आए विशेषज्ञों ने एमपी में पहली बार एक गर्भवती को करवट दिलाकर तो, दूसरी को चेयर पर बैठाकर प्रसव कराया। दोनों तरीके सफल रहे। दूसरी बार मां बनने वाली महिला ने इस नई विधि को कम पीड़ादायक बताया।
डॉक्टरों ने सीखा तरीका
लाइव डिमॉन्स्ट्रेशन कराने वालीं एफओजीएसआइ की वाइस प्रेसिडेंट डॉ. प्रीति कुमार ने कहा, इस नई तकनीक से सर्जरी से होने वाले प्रसवों की संख्या कम होगी। डिमॉन्स्ट्रेशन के दौरान ट्रेनर्स डॉ. पूनम शिव कुमार, डॉ. सूची जैन ने इसे बेहतर तरीके से किया। अब विशेषज्ञ अपने मेडिकल कॉलेज में इस तकनीक की ट्रेनिंग देंगे। इससे मप्र समेत पूरे देश में सर्जरी से होने वाले प्रसव की संख्या कम होगी।
देश में चार साल में बढ़ी सिजेरियन डिलीवरी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस) के अनुसार देश में सर्जरी से होने वाले प्रसव में वृद्धि दर्ज की गई है। एनएफएचएस 4 में 2015-16 में सर्जरी से 17.2% बच्चे का जन्म हुआ। वहीं 2019-21 तक आंकड़ा बढ़कर 21.5% हो गया। शहरी क्षेत्रों में यह 32% से अधिक रहा।