यहां पढ़ें पूरा मामला
मामला गुरुवार देर रात डेढ़ बजे का है। जब लोगों ने बरसों पुराने लॉयल बुक डिपो से धुआं निकलते देखा। डिपो में हजारों बुक रखी थीं। इस डिपो के साथ ही पास की दो दुकानों से भी आग लगने से धुआं निकल रहा था। लोगों ने घटना की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी। फतेहगढ़ फायर स्टेशन से दमकलें और टैंकर मौके पर पहुंचे। लेकिन धुआं इतना ज्यादा था कि फायरकर्मी आग नहीं बुझा पा रहे थे। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
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दूसरी मंजिल पर फॉल सीलिंग में लगी थी आग
फायर फाइटर्स के मुताबिक बुक डिपो की दूसरी मंजिल पर फॉल सीलिंग में आग लगी थी। आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। जब फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची तो धुएं की वजह से आग बुझाने में परेशानी हो रही थी। पास की दुकानों में भी ज्यादा धुआं निकल रहा था। एक दुकान में शूज रखे थे। आग बुझाने के लिए कांच और शटर के ताले तोड़े गए और आग बुझाने का प्रयास किया गया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।
खाक हो गईं बरसों पुरानी अनमोल किताबें
आग की वजह से डिपो में रखी बरसों पुरानी सैकड़ों बुक्स जल कर राख हो गईं। किताबों के साथ ही चार एसी और फर्नीचर जल गया। इस बुक डिपो के साथ ही पास की दुकानें भी आग की चपेट में आ गई। इन दुकानों में भी आग के कारण काफी नुकसान हुआ है।
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सूचना मिलते ही पहुंचे दुकानदार
आग लगने की बात का पता लगते ही डिपो संचालक और अन्य दुकानदार भी मौके पर पहुंच गए। वे भी अपनी दुकानों में बचे सामान को बाहर निकालने में लग गए।