पहला फॉर्मेट- कोरोना से मौता का प्रमाण पत्र होने की स्थिति में ये फॉर्म भरें
पहले फॉर्मेट के तहत जिन लोगों के पास कोरोना से मृत्यु का प्रमाण पत्र है यानी कोविड की आरटीपीसीआर रिपोर्ट उन्हें इस फॉर्मेट को भरकर मुआवजा राशि के लिए क्लेम करना होगा।
दूसरा फॉर्मेट- मृत्यु के संबंध में RT-PCR जांच रिपोर्ट न हो तो ये फॉर्म भरें
दूसरे फॉर्मेट के तहत जिन लोगों के पास सिर्फ जांच रिपोर्ट है, लेकिन मौत का कारण नहीं है। उन्हें ये फॉर्म भरना होगा। सरकार की ओर से इसके लिए एक विशेष कमेटी गठित की गई है। कमेटी इसपर जांच और विचार करने के बाद मृतक के परिवार को प्रमाण पत्र जारी करेगी। इस प्रमाण पर से ये साबित होगा कि, पीड़ित को मुआवजा देना है या नहीं।
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कमेटी 30 दिन में लेगी निर्णय
आपको बता दें कि, मुआवजा पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट में कोविड से मौत दर्ज होना जरूरी नहीं है। फॉर्म के जरिए दस्तावेज प्रमाणित करने के अधिकार कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी को दिए गए हैं। ये कमेटी 30 दिन में निर्णय लेगी। नियम 31 दिसंबर तक लागू रहेंगे।
सरकारी आकड़ों के अनुसार, इतने लोगों ने गवाई कोरोना से जान
आपको बता दें कि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेशभर में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान अब तक 10,526 मौतें हुई हैं। इसके अलावा भी इस महामारी से कई लोगों की मौत हुई हैं, लेकिन सर्टिफिकेट में इसका जिक्र नहीं हो सका है। ऐसे में सरकार द्वारा वैकल्पिक तरीकों के जरिए भी मुआवजा देने की व्यवस्था की है।
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